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UP: 40 देश, 400 विदेशी डेलीगेट्स और 30 लाख करोड़ के न‍िवेश प्रस्‍ताव, 11 बजे PM मोदी करेंगे GIS-23 का शुभारंभ

UP Investors Summit 2023 प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज 11 बजे लखनऊ में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आज भव्य शुभारंभ करेंगे। GIS 2023 में मुकेश अंबानी के चंद्रशेखरन आनंद महिंद्रा सहित कई दिग्गज उद्योगपति शामिल होंगे। तीन दिवसीय समिट में 30 लाख करोड़ निवेश प्रस्तावों पर मुहर लगेगी।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Fri, 10 Feb 2023 08:44 AM (IST)
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UP Investors Summit 2023: पीएम मोदी करेंगे यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। UP Investors Summit 2023 उत्तर प्रदेश को नए भारत का ग्रोथ इंजन बनाने की कड़ी में आज से राजधानी लखनऊ में आयोजित निवेशकों के तीन दिवसीय महाकुंभ में नया इतिहास लिखा जाएगा। लखनऊ के वृंदावन योजना में 10 से 12 फरवरी तक आयोजित होने वाले यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 में देश-दुनिया की दिग्गज कारपोरेट हस्तियां उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में साझीदार बनती दिखाई देंगी। यूपीजीआइएस-23 के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तावित निवेश न सिर्फ उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर को गति देगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का जरिया बन युवाओं के सपनों को भी साकार करेगा।

पीएम मोदी एवं यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का म‍िनट टू म‍िनट कार्यक्रम

  • 10.10 बजे : प्रधानमंत्री का लखनऊ एयरपोर्ट पर आगमन।
  • 10.30 बजे : यूपीजीआइएएस-23 के आयोजन स्थल पर आगमन।
  • 10.30 से10.47 बजे तक : ग्लोबल ट्रेड शो का पीएम करेंगे उद्धाटन, इंवेस्ट यूपी-2.0 पोर्टल भी करेंगे लांच।
  • 10.47 से 10.50 बजे तक : प्रदर्शनी का करेंगे भ्रमण।
  • 10.50 से10.53 बजे तक : इंडस्ट्री लीडर्स और विशेष अतिथियों के साथ फोटो सेशन।
  • 10.55 बजे : वाल्मीकि मुख्य हाल में होगा प्रधानमंत्री का आगमन।
  • 10.55 से11.00 बजे तक : औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी का स्वागत संबोधन।
  • 11.00-11.05 बजे तक : यूपीजीआइएस-23 का उद्घाटन
  • 10.07-11.22 बजे तक : इंडस्ट्री कैपटन, मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, सुनील वाचानी, डेनियल बिर्चर का संबोधन।
  • 11.22-11.32 बजे तक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन।
  • 11.32-11.40 बजे तक : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन।
  • 11.40-12.20 बजे तक : प्रधानमंत्री का संबोधन।
  • 12.20 : समारोह स्थल से प्रधानमंत्री होंगे रवाना।

दोपहर 2.30 से 4 बजे

व्यास हाल: यूपी डिजाइनिंग एंड मैन्यूफैक्चरिंग इन इंडिया फार द वर्ल्ड विषय पर चर्चा होगी। इसमें मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव होंगे।

दधीचि हाल : टूरिज्म लीवरेजिंग कल्चरल हैरिटेज फार माडर्न एंड प्रोग्रेसिव उत्तर प्रदेश पर होगी चर्चा। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी बतौर मुख्य अतिथि रहेंगे।

भारद्वाज हाल : सिंगापुर पार्टनर कंट्री सेशन में प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा व स्वतंत्र देव सिंह मौजूद रहेंगे।

वशिष्ठ हाल : सस्टेनेबल डवलपमेंट थ्रू सोलर एनर्जी पर आयोजित सत्र में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह मुख्य अतिथि की भूमिका में होंगे।

शाम 4.30 से 6 बजे तक

व्यास हाल : एडवांटेज उत्तर प्रदेश डिफेंस कारिडोर विषय पर चर्चा होगी। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे शिरकत।

दधीचि हाल : ओडीओपी : इंपावरिंग ट्रेडिशनल इंडस्ट्री विषय पर आयोजित सत्र में केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी रहेंगी उपस्थिति।

भारद्वाज हाल : अपार्चुनिटी फूड प्रोसेसिंग लिवरेजिंग फूड बॉस्केट ऑफ इंडिया विषय पर आयोजित सत्र में केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस रहेंगे उपस्थित।

वशिष्ठ हाल : डेनमार्क पार्टनर कंट्री सेशन होगा। डेनमार्क के मंत्री रखेंगे अपनी बात।

6.30 से रात्रि 8 बजे तक

वाल्मीकि मुख्य हाल : एनआरआई अवार्ड व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहेंगे मौजूद।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समापन समारोह की मुख्य अतिथि

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समिट के भव्य समारोह का शुभारंभ करेंगे जबकि 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी। निवेशकों के इस तीन दिवसीय महासम्मेलन में 22 केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश की प्रगति के संदर्भ में डबल इंजन की सरकार के विजन को साझा करेंगे।

देश और प्रदेश के व‍िकास का खाका रखेंगे मंत्री

इस दौरान अलग-अलग सत्रों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य ङ्क्षसधिया, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित मोदी सरकार के तमाम मंत्री सरकार की नीतियों से निवेशकों को अवगत कराएंगे।

10 हजार छोटे-बड़े निवेशक बनेंगे महाकुंभ का हिस्सा

रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, टाटा संस के के चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां निवेशकों का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी। यूपीजीआइएस में चालीस देशों से 400 से अधिक डेलीगेट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे-बड़े निवेशक महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे। उल्लेखनीय है कि यूपीजीआइएस-23 के माध्यम से सरकार ने शुरुआत में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का तय किया था।

यूपी का जीएसडीपी 20.48 लाख करोड़ रुपये अनुमानित

देश-दुनिया के निवेशकों से मिले उत्साहजनक निवेश प्रस्तावों के दृष्टिगत सरकार को अपना लक्ष्य बढ़ाना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि यूपीजीआइएस के माध्यम से प्राप्त होने वाला निवेश उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के आंकड़े को पार करेगा। चालू वित्तीय वर्ष में यूपी का जीएसडीपी 20.48 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। अब निवेश का आंकड़ा 30 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है। इसमें करीब एक चौथाई हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों की होगी।

नहीं आएंगे गौतम अदाणी 

अदाणी समूह के गौतम अदाणी यूपीजीआइएस-23 का हिस्सा नहीं बनेंगे। अदाणी ने वर्ष 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस बार भी उनका समिट में शामिल होना तय माना जा रहा था लेकिन शीर्ष उद्यमियों की संशोधित सूची में उनका नाम नहीं है। बता दें कि अदाणी समूह यूपी में डिफेंस कारिडोर, लाजिस्टिक्स समेत अन्य सेक्टर में बड़ा निवेश कर रहा है।

पार्टनर कंट्री : यूनाइटेड किंगडम, जापान, साउथ कोरिया, नीदरलैंड, सिंगापुर, डेनमार्क, मारिशस, आस्ट्रेलिया, यूएई व इटली।

इन दिग्गज कारपोरेट हस्तियों की होगी जुटान

मुकेश अंबानी (रिलायंस), के चंद्रशेखरन (टाटा संस), कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला ग्रुप), आनंद महिंद्रा (महिंद्रा समूह), मुकेश अघी (यूएसआइएसपीएफ), स्वाति दलाल (एबाट न्यूट्रिशन), नवनीत अग्रवाल (अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स), महेश सुगरू (टाटा मोटर्स), उदय सिन्हा (एकाना ग्रुप), आदिल जैदी (अर्नेस्ट एंड यंग), धीरज कपूर (फ्लिपकार्ट), ध्रुव गलगोटिया (गलगोटिया यूनिवर्सिटी), दिनेश गुप्ता (ग्रीन प्लाई), राजीव गर्ग (हल्दीराम ग्रुप), संजीव कक्कड़ (इंडियन आयल कारपोरेशन), प्रदीप दीक्षित (आइटीसी), आशीष अग्रवाल (जेबीएम ग्रुप), अमर सिन्हा (रेडिको खेतान), डेनियल बिर्चर (ज्यूरिख एयरपोर्ट एशिया), नामसू पार्क और ह्यू किम (सैमसंग), प्रदीप कुमार गुप्ता (शारदा यूनिवर्सिटी), कैलाश चंद्र झंवर (अल्ट्रा टेक सीमेंट), डा. जगदीश गुलाटी (यूनाइटेड ग्रुप) सहित तीन सौ से ज्यादा शीर्ष उद्यमी इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होंगे।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सर्वाधिक निवेश के आसार

अब तक जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सर्वाधिक निवेश के आसार दिखाई दे रहे हैं। करीब 56 प्रतिशत निवेश इसी सेक्टर से आता दिख रहा है। जबकि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 15 प्रतिशत निवेशकों ने रुचि दिखाई है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में आठ प्रतिशत, टेक्साइटल में सात प्रतिशत, पर्यटन में पांच प्रतिशत, शिक्षा में तीन प्रतिशत, आइटी व इलेक्ट्रानिक्स में दो प्रतिशत तथा वेयरहाउस, लाजिस्टिक्स, हेल्थकेयर व फार्मा के क्षेत्र में एक-एक प्रतिशत निवेश होने की संभावना है।

रोजगार के खुलेंगे द्वार

अब तक हुए निवेश करार और निवेश सहमति रोजगार के सुखद आंकड़ों की तस्वीर पेश कर रही है। यदि मौजूदा निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरते हैं तो इससे प्रदेश में दो करोड़ से अधिक अधिक रोजगार सृजित होंगे। पचास करोड़ तक निवेश करने वाली छोटी इकाइयों से 1.37 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन का अनुमान लगाया गया है। जबकि 50-200 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 20.07 लाख रोजगार देंगी। 200-500 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियों से 4.27 लाख से अधिक रोजगार सृजन की संभावना आंकी गई है। वहीं 500-3000 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 18.56 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देंगी। 3000 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव देने वाली मेगा कंपनियों ने 15.48 लाख रोजगार देने की सहमति अपने निवेश प्रस्तावों में दी है।

निवेशकों को लुभा रहा पश्चिमांचल

उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जिसे पश्चिमांचल भी कहा जाता है निवेश खींचने में सबसे अधिक सफल रहा है। कुल निवेश प्रस्तावों और एमओयू का 45 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र के खाते में जाता दिख रहा है। इसकी वजह इस क्षेत्र का दिल्ली से जुड़ाव और यहां का बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बताया जा रहा है। पश्चिमांचल के साथ ही प्रदेश का पूर्वी हिस्सा यानी पूर्वांचल भी निवेशकों को लुभा रहा है। इस क्षेत्र को भी औद्योगिक नीति के तहत कई तरह की रियायतें मिली हैं। अब तक हासिल निवेश प्रस्तावों का 29 प्रतिशत हिस्सा पूर्वांचल को मिलता दिख रहा है। वहीं, मध्यांचल और बुंदेलखंड को 13-13 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।

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