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UP के बहराइच में PM मोदी ने कहा- कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश, कुछ लोग नहीं चाहते किसानों की आमदनी बढ़े

Maharaja Suheldev बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक स्थल की आधारशिला रखने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चित्तौरा पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। पीएम ने महाराजा सुहेलदेव की गौरवगाथा का बखान किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 16 Feb 2021 11:22 PM (IST)
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बहराइच के चित्तौरा झील एवं कार्यक्रम स्थल को इस अवसर पर बेहद आकर्षक ढंग से सजाया गया
लखनऊ, जेएनएन।  देश की आजादी में बड़ी भूमिका अदा करने वाले महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर आज उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा सम्मान दिया। बहराइच में मंगलवार को महाराजा सुहेलदेव स्मारक स्थल की आधारशिला रखने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चित्तौरा पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री को राजा सुहेलदेव की अश्वारोही प्रतिमा पयागपुर रियासत के यशवेंद्र प्रताप सिंह ने भेंट की। मुख्यमंत्री के दीप पूजन के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। 

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली से व उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अपने पराक्रम से मातृभूमि का मान बढ़ाने वाले, राष्ट्रनायक महाराजा सुहेलदेव की जन्मभूमि और ऋषि मुनियों ने जहां तप किया, उस पावन धरती बहराइच को नमन करता हूं। पीएम नरेंद्र मोदी ने वसंत पंचमी की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्‍होंने कहा कि आज महाराजा सुहेलदेव के नाम पर बने मेड‍िकल कॉलेज को एक नया भवन भी मिला है। यह बहराइच के जीवन के लोगों को आसान बनाएगा। इसका लाभ आसपास के श्रावस्‍ती, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर के साथ ही नेपाल से आने वाले मरीजों को भी मिलेगा। 

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ वह नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों या गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा है। भारत का इतिहास वो भी है, जो भारत के सामान्‍य जनने,  लोकगाथाओं में रचा-बसा है। जिसे पीढ़‍ियों ने आगे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी बढ़ाते रहते हैं।

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महापुरुषों का त्‍याग, उसकी तपस्‍या, उनका संगम, उनकी वीरता, शहादत का स्‍मरण करना व उनसे प्ररेणा प्राप्‍त करना, इससे बड़ा कोई अवसर नहीं होगा। यह दुर्भाग्‍य है कि भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए जिन्‍होंने जीवन स‍मर्पित कर दिया, ऐसे अनेक नायक-नाय‍िका को वह स्‍थान नहीं दिया था, जिसके वो हकदार थे।  इतिहास रचने वालों के साथ इतिहास लिखने वालों के नाम पर हेरफेर करने वालों ने जो अन्‍य किया, उसे आज का भारत सुधार रहा है। 

पीएम ने कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस, जो आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, क्‍या उनकी इस पहचान व योगदान को  महत्‍व दिया गया। जो उनको मिलना चाहिए। आज हमने उनकी इस पहचान को अंडमान और निकोबार तक देश-दुनिया के सामने सशक्‍त किया है। हमने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की पहचान को देश-दुनिया के सामने सशक्‍त किया।   

 

देश की 500 से भी अध‍िक रियासतों को जोड़ने वाले सरदार वल्‍लभ भाई पटेल के साथ क्‍या किया गया?, यह बात देश का बच्‍चा-बच्‍चा जानता है। आज दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा 'स्‍टैटू ऑफ यूनिटी' सरदार पटेल की है, जो हमें प्ररेणा देती है। देश के संव‍िधान देने वालोंं में अहम भूमिका देने वाले वंच‍ित, पीड़ित, शोष‍ित के आवास  डा. बाबा साहब अंबेडकर को भी सिर्फ राजनीतिक चश्‍मे से देखा है। आज भारत से लेकर इंग्‍लैंड तक डा. बाबा साहब अंबेडकर से जुड़े स्‍थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। 

चौरी-चौरा के वीरों की तरह महाराजा सुहेलदेव के साथ व्‍यवहार हुआ:  चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ भूलने योग्‍य नहीं। महाराजा सुहेलदेव और भारतीयता की रक्षा के लिए उनके प्रयासों के साथ भी यही व्‍यवहार किया गया है। इतिहास की किताबों में भले ही उनके शौर्य पराक्रम व उनकी वीरता को वो स्‍थान नहीं मिला, लेकिन अवध और तराई से लेकर पूर्वांचल की लोक कथाओं व हृदय में वो हमेशा बने रहे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर एक बार फिर किसानों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। जिन लोगों ने किसानों की जमीन छीन ली, वो नहीं चाहते हैं कि किसानों की आमदनी बढ़े। हमारी सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को समर्थ बनाने का प्रयास कर रही है।

पीएम मोदी ने रामचरित मानस की एक चौपाई सुनाई। उन्‍होंने कहा कि प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयं राखि कोसलपुर राजा।  मंत्र का अर्थ- अयोध्यापुरी के राजा राम को हृदय में रखकर जो कुछ काम करेंगे उसमें अवश्‍य सफलता मिलेगी। 

वहीं, इससे पहले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने पीएम का सबसे पहले स्‍वागत किया। इस दौरान मुख्‍यमंत्री ने कहा कि बहराइच के लिए आज अहम दिन है। आज से लगभग एक हजार वर्ष पूर्व विदेशी आक्रांता से इस धरती को पूरी तरह से सुरक्ष‍ित करने के लिएअपने शौर्य पराक्रम का प्रर्दशन इस धरती पर करने वाले धर्मरक्षक, राष्ट्र नायक महाराजा सुहेलदेव की जंयती का कार्यक्रम भी है। 

उन्‍होंने बताया कि आज से करीब 4 वर्ष पहले बहराइच में इस क्षेत्र की आरोग्‍यता के लिए पीएम मोदी द्वारा एक मेड‍िकल कॉलेज दिया गया था। अब वह बनकर तैयार हो गया है।  जिसका नाम महाराज सुहेल देव के नाम पर ही रखा है। आज इस मेडिकल कॉलेज का भी उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे। 

वहीं, कार्यक्रम में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में पिछले 15 सालों से गुंडागर्दी, भ्रष्‍टाचार, दलित,  शोष‍ित, वंचित गांव, गरीब किसान, जो कि किसान का हक मार रहा था, उनको लूटा जा रहा था, उन तक सरकार की योजनाएं पहुंचने नहीं दे रहा था। तब इस राज्‍य के अंदर एक ईमानदार, कर्मठ, दलितों से प्रेम करने वाला, महिलाओं के सम्‍मान के लिए, इस राज्‍य के खुशहाली के लिए योगी आदित्‍यनाथ के रूप में राज्‍य को मुख्‍यमंत्री मिला। सप्‍ताह के सात दिन व दिन के 24 घंटे अथक परिश्रम व परिश्रम की पराकाष्‍ठा गरीबों तक सरकार की योजनाएं पहुंचाया। 

बहराइच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराजा सुहेलदेव स्मारक स्थल पहुंच गए हैं। हेलीकॉप्टर से पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले स्मारक स्थल जाकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद विभागों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

इसके बाद स्कूली छात्रों की चित्रकला प्रदर्शनी को देखकर छात्रों की हौसला अफजाई की। उन्होंने यहां पर गेहूं के डंठल की कलाकृति को सराहा। प्रदर्शनी स्थल पर उन्होंने मौलश्री का पौधा रोपा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राम मंदिर मॉडल पर बनाई गई रंगोली का लोकार्पण किया।

पीएम मोदी के संबोधन को सुनने के साथ स्मारक के कायाकल्प की नींव रखी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मंच पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, मुकुट बिहारी वर्मा तथा सांसद अक्षयवर लाल गोंड के साथ विधायक अनुपमा जायसवाल, सुभाष त्रिपाठी, सुरेश्वर सिंह व रामफेरन पाण्डेय भी मौजूद रहे।

प्राथमिकता में महाराजा सुहेलदेव: महाराजा सुहेलदेव तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में रहे हैं। अब जब वह उनके स्मारक स्थल के कायाकल्प के लिए खुद आ रहे हैं तो उनके निशाने पर विपक्षी पाॢटयां होंगी। उनके स्मारक के कायाकल्प की योजना 39 करोड़ में आकार लेगी। उत्तर प्रदेश सरकार 16 फरवरी को प्रदेश भर में महाराजा सुहेलदेव की जयंती को मना रही है। इस अवसर पर बहराइच में बड़ा आयोजन किया गया है।

सवा लाख दीपों से प्रज्ज्वलित होगा तट: सुहेलदेव के पराक्रम की गवाह रही चित्तौरा झील पर सायंकाल छह बजे सवा लाख दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। हर ब्लॉक को नौ से 10 हजार दीप प्रज्ज्वलन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके पूर्व कवि सम्मेलन भी श्रोताओं के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

प्रदेश में भव्य तरीके से मनाई जाएगी महाराजा सुहेलदेव की जयंती: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के क्रम में वसंत पंचमी पर 16 फरवरी को प्रदेश के सभी जिलों में महाराजा सुहेलदेव जयंती समारोह को भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इस मौके पर जिलों में महत्वपूर्ण शहीद स्थल व स्मारकों पर गरिमापूर्ण सजावट की जाएगी।भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनमें सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों के परिवारीजनों को आमंत्रित किया जाएगा।  प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया किकोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए किसी अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित कर आयोजन स्थल पर पर्याप्त मात्रा में मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। शाम 5.30 बजे सभी जिलों में शहीद स्थलों व स्मारकों पर पुलिस बैंड, राष्ट्रधुन व राष्ट्रभक्ति गीतों की धुनें बजाई जाएंगीं। इन स्थलों पर शाम 6.30 बजे दीप प्रज्ज्वलन का कार्यक्रम होगा। 

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