Lucknow Murder: बीबीडी छात्रा निष्ठा त्रिपाठी की हत्या के बाद उसे आत्महत्या का रुप देना चाहता था हत्यारा
Lucknow Murder लखनऊ के दयाल रेजीडेंसी में बीबीडी छात्रा निष्ठा त्रिपाठी की हत्या के मामले में पुलिस ने असलहा ठिकाने लगाने वाले आदित्य शुक्ल को देवरिया से शनिवार रात दबोचा है। बता दें कि आदित्य ने छात्रा की हत्या के बाद उस तमंचे को ले जाकर जनेश्वर मिश्र पार्क के पास छुपा दिया था। जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया था।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 24 Sep 2023 10:29 AM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। दयाल रेजीडेंसी में सेवानिवृत्त दारोगा के घर में छात्रा निष्ठा त्रिपाठी की हत्या के मामले में असलहा ठिकाने लगाने वाले आरोपित आदित्य शुक्ल को पुलिस ने देवरिया से शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम उसे लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो चुकी है। निष्ठा की जिस तमंचे से उसके दोस्त आदित्य देव पाठक ने गोली मार कर हत्या की थी। आदित्य शुक्ल ने उस तमंचे को ले जाकर जनेश्वर मिश्र पार्क के पास छुपा दिया था।
बताया जा रहा है कि पुलिस द्वारा पकड़े जाते ही आदित्य शुक्ल खुद को बेकसूर बताते हुए हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। वह सारा आरोप आदित्य देव पाठक पर मढ़ने लगा। उसने कहा कि घटना के समय वह और मोनू दूसरे कमरे में थे। आदित्य देव पाठक ने गोली मार कर निष्ठा की हत्या की थी। उसके बाद वह मोनू और अभिषेक के साथ निष्ठा को लेकर लोहिया अस्पताल चले गए थे। वहीं, उसे तमंचा दिया और कहा इसके जाकर कहीं फेंक देना। इस पर उसने तमंचा एक नीले रंग के बैग में रखा और फिर उसे जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर छह के पास छुपाकर भाग निकला था।
तमंचा ठिकाने लगाने के बाद उसने आदित्य देव पाठक को फोन कर जानकारी दी और फिर भाग गया था। निष्ठा मूल रूप से हरदोई जनपद में कोतवाली रोड की रहने वाली थीं। यहां बीबीडी विश्वविद्यालय से बीकाम आनर्स की पढ़ाई कर रही थी।
अखंड, अभिषेक की तलाश, चार अन्य संदिग्धों से भी होगी पूछताछ
पुलिस की एक टीम अब अखंड प्रताप सिंह और अभिषेक की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि अभिषेक घटना के समय उसी घर में मौजूद था। वहीं, अखंड प्रताप सिंह ने आदित्य देव पाठक को असलहा दिया था। इस असलहे से बीती 11 फरवरी को उसके साथी आसिफ ने चिनहट में अनिमेष पर हमला किया था। वहीं, एडीसीपी पूर्वी अली अब्बास ने बताया कि इसके अलावा घर पर अकसर दारू पार्टी करने वाले करीब आधा दर्जन लोग पुलिस की रडार पर हैं।
हिमांशु ने 20 दिन पहले आदित्य को किराये पर दिया था मकान
पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि दारोगा हिमांशु के मकान में अगस्त माह में नील कमल नाम का युवक रहता था। उसी के माध्यम से देवरिया के रहने वाले आदित्य शुक्ल को हिमांशु ने 20 दिन पहले किराए पर मकान दिया था, जबकि हिमांशु और उनके भाई अपने दूसरे मकान में रहते थे। इसके बाद मकान में गोंडा का रहने वाला मोनू और बलिया के विशुनपुरा खड़सरा का रहने वाला आदित्य पाठक रहने लगा। इस मकान में अकसर यह लोग दारू पार्टी करते थे। दारू पार्टी में अभिषेक और कुछ अन्य लोग भी आते थे।हत्या से पांच दिन पहले हुई थी आदित्य पाठक से दोस्ती
आदित्य शुक्ल ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि हत्या से पांच दिन पहले ही इंस्टाग्राम के जरिए आदित्य देव पाठक और निष्ठा की दोस्ती हुई थी। दोनों वाट्सएप और घंटों चैट करते रहते थे। बातचीत करते थे। वीडियो काल करते थे। कालेज में गणेशउत्सव चल रहा था। निष्ठा वहां पूजा में शामिल होकर करीब 10:30 बजे घर पर पहुंच गई थी। आदित्य देव पाठक रात करीब डेढ़ बजे पहुंचा था। आदित्य देव पाठक ने ही उसे फोन कर कमरे पर चलने के लिए कहा था। इसके बाद कुछ काम बताकर वह कहीं चला गया था। इस लिए उसे आने में देर हुई थी। आदित्य देव पाठक जब पहुंचा तो उसकी निष्ठा से नोकझोंक शुरू हो गई। इस बीच गोली की आवाज सुनकर कमरे में पहुंचा तो वहां निष्ठा पड़ी थी।
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