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लखनऊ में धर्मांतरण कराकर हो रही थी शादी, पुलिस ने रुकवाया; खाना खाकर लौटे मेहमान

पारा के डूडा कॉलोनी में हो रही थी शादी नए कानून का पालन करने के निर्देश। शादी में आए लोग खाना खाकर लौटे डीएम से अनुमति लेकर करना होगा विवाह। एडीसीपी का कहना है कि युवक और युवती को धर्मांतरण कानून की प्रति भी दी गई है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 03 Dec 2020 12:40 PM (IST)
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पुलिस ने दोनों पक्षों को नए कानून की जानकारी देकर रुकवा दी शादी।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में बुधवार को धर्मांतरण कर शादी करने का मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई। आनन फानन पारा पुलिस ने शादी रुकवाई और नए कानून के तहत नियमों का पालन करने के निर्देश दिए। अब युवक व युवती को शादी के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेनी पड़ेगी। 

पारा के डूडा कालोनी में बुधवार को हिन्दू धर्म की युवती के साथ मुस्लिम समुदाय के युवक का विवाह होना था। युवती की शादी गैर हिन्दू युवक के साथ होने की जानकारी अखिल भारत हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार शुक्ला व महानगर अध्यक्ष मुकेशमणि मिश्रा ने पुलिस को दी। इसके बाद पारा पुलिस ने धर्मांतरण शादी को रूकवा दिया। एडीसीपी साउथ सुरेश चंद्र रावत के मुताबिक डूडा कालोनी में हिन्दू मुस्लिम समुदाय के लोगों की रजामंदी से युवक युवती का विवाह हो रहा था। अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से सूचना दी गई थी। पुलिस ने दोनों पक्षों को नए कानून के बारे में बताया और शादी रुकवा दी। एडीसीपी का कहना है कि युवक और युवती को धर्मांतरण कानून की प्रति भी दी गई है। दोनों पक्ष नए नियम के तहत आगे की प्रक्रिया शुरू करने पर राजी हो गए हैं। गौरतलब है कि लव जिहाद के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने कानून बनाया है। 

गौरतलब है क‍ि उत्तर प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी गई है। इस कानून के लागू होने के बाद छल-कपट व जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से दस वर्ष तक की सजासजा हो सकती है। खासकर किसी नाबालिग लड़की या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला का छल से या जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में दोषी को तीन से दस वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी।

यह भी देखें: जानें क्या है धर्मांतरण पर उत्तर प्रदेश सरकार का अध्यादेश

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