दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan)
Politician Dara Singh Chauhan Biography उत्तर प्रदेश की राजनीति में दारा सिंह चौहान एक बड़ा नाम है। दारा सिंह चौहान पिछड़े समाज के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हैं। इससे पहले वह योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री के पद व राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। जानते हैं राजनेता दारा सिंह चौहान के बारे में...
जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: (Dara Singh Chauhan Biography) दारा सिंह चौहान पिछड़े समाज के बड़े नेताओं में शुमार एक भारतीय राजनेता हैं, जो वर्तमान में मऊ की घोषी विधानसभा सीट से विधायक है। दारा सिंह चौहान 2017 से 2022 में योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।
- कौन है दारा सिंह चौहान?
- कब और किस शहर में हुआ था दारा सिंह चौहान का जन्म?
- दारा सिंह चौहान का राजनीतिक सफर
- बसपा से तया किया सपा का सफर अब भाजपा से मिलाया हाथ
- पहली बार कब बने मंत्री?
दारा सिंह चौहान का जन्म 25 जुलाई 1963 को आजमगढ़ के गलवारा गांव में हुआ था। माध्यमिक शिक्षा परिषद से उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान उनका राजनीती के प्रति झुकाव होने लगा। दारा सिंह ने दिशा चौहान से शादी की। उनके 2 बेटे और 2 बेटियां हैं।
दारा सिंह चौहान का राजनीतिक सफर
पढ़ाई के दौरान ही दारा सिंह चौहान का राजनीति के प्रति झुकाव हो गया और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की सदस्यता ले ली। पिछड़े समाज में अच्छी पकड़ होने के कारण उनका कद राजनीति मे काफी तेजी से बढ़ने लगा।
1996 में पहली बार पहुंचे राज्यसभा
दारा सिंह चौहान तीन दशक के अपने राजनीतिक करियर में ज्यादातर समय सत्ता के करीब रहे हैं। सबसे पहले बसपा ने 1996 में उन्हें राज्यसभा भेजा। चार साल का कार्यकाल पूरा होते-होते वह सपा में शामिल हो गए। 2000 में सपा से राज्यसभा सदस्य बने। 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा में शामिल हो गए और पार्टी की प्रदेश में पूर्ण बहुमत से सरकार बनी।
2015 में भाजपा में हुए शामिल
2009 का लोकसभा चुनाव बसपा से जीता और पार्टी के संसदीय दल के नेता बने। 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनी तो पार्टी से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कीं। 12 फरवरी 2015 को भाजपा में शामिल हुए और उन्हें पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
2017 में पहली बार बने मंत्री
2017 के विधानसभा चुनाव में मधुबन से जीते और पहली योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में वन एवं पर्यावरण मंत्री बने। पांच वर्ष सत्ता का सुख लेने के बाद 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया और सपा के हो गए। वह घोसी से चुनाव जीत भी गए, लेकिन सरकार भाजपा की बनी।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां के बीच नेताओं के दल बदलने का सिलसिला जारी है। अब दारा सिंह चौहान जुलाई 2023 में सपा से इस्तीफा देकर एक बार फिर भाजपा में शामिल हो गए हैं।