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UP News: इन 4 चेहरों की बदौलत साधे गए पूरब से लेकर पश्चिम तक निशाने, क्या है योगी कैबिनेट विस्तार के सियासी मायने

योगी कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार मंगलवार शाम लखनऊ में हो गया। यह योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है। जहां ओपी राजभर दारा सिंह चौहान अनिल कुमार पुकराजी और सुनील सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। हर चेहरे को चुनने के पीछे अपनी एक सियासी वजह है जिसे समझने के लिए यूपी की राजनीति को समझना ज्यादा जरूरी है।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 05 Mar 2024 05:55 PM (IST)
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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में शामिल हुए चार और मंत्री।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजनीति में चले गए हर कदम के पीछे दूरगामी दृष्टि होती है। योगी कैबिनेट के विस्तार में कुछ ऐसी ही झलक देखने को मिली। हर चेहरे को चुनने के पीछे अपनी एक सियासी कहानी है। इन चार चेहरों के बदौलत बीजेपी पूरब से लेकर पश्चिम तक राजनीतिक निशाने साध रही है। ओपी राजभर और दारा सिंह चौहान जहां पूर्वांचल में संतुलन बना रहे हैं तो वहीं सुनील कुमार और अनिल कुमार पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी के मिशन को नई रफ्तार देंगे।

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार मंगलवार शाम पांच बजे लखनऊ स्थित राजभवन में हो गया। यह योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है। जहां ओपी राजभर, दारा सिंह चौहान, अनिल कुमार पुकराजी और सुनील सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

पिछले वर्ष जुलाई में सुभासपा के दोबारा एनडीए में शामिल होने और योगी सरकार के पहले कार्यकाल में वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान के सपा छोड़ भाजपा में वापसी करने के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। ओम प्रकाश राजभर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में राजनीतिक प्रभाव रखने वाली अति पिछड़ी राजभर जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं दारा सिंह चौहान का संबंध पूर्वांचल के कुछ जिलों में खासी तादाद में मौजूद लोनिया चौहान बिरादरी से है।

हाल ही में एनडीए का घटक बने रालोद को भी मंत्रिमंडल में जगह देकर एनडीए ने लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत अपने सामाजिक आधार को और मजबूत करने की कवायद की है। वहीं गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट से विधायक सुनील शर्मा को योगी कैबिनेट में जगह देकर ब्राह्मण वोटबैंक को साधने की कोशिश की गई है। इस कदम का फायदा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा।

योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों समेत 18 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री हैं। इस तरह मंत्रिमंडल के सदस्यों की कुल संख्या 52 है। नियमानुसार मंत्रिमंडल के सदस्यों की अधिकतम संख्या 60 हो सकती है। ऐसे में अभी आठ और सदस्य इसमें शामिल किए जा सकते हैं। वैसे तो लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार के आसार थे लेकिन इसकी संभावना को बीते शुक्रवार को तब बल मिला जब नई दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से लखनऊ वापस लौटकर उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंट की थी।

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