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KGMU में 13 घंटे गुल रही बिजली, मचा हाहाकार Lucknow News

केजीएमयू में 13 घंटे तक गुल रही लाईट। मरीज हुए परेशान।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 12 Jul 2019 07:39 AM (IST)
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KGMU में 13 घंटे गुल रही बिजली, मचा हाहाकार Lucknow News
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू की बिजली केबल में फॉल्ट आने से हॉस्टल, कार्यालय, डिपार्टमेंट समेत 16 भवनों में अंधेरा छा गया। इस दरम्यान जनरेटर चलाए गए, मगर लोड नहीं उठा सके। संस्थान में 13 घंटे तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। कैंपस में पानी के लिए हाहाकार मच गया। साथ ही सैकड़ों मरीज बगैर जांच कराए ही लौट गए।

केजीएमयू में बुधवार रात एक बजे बिजली गुल हो गई। ऐसे में वार्ड, हॉस्टल में अंधेरा छा गया। छात्र और मरीज बेहाल हो गए। हंगामा करने पर जनरेटर चलाए गए, मगर यह ट्यूबवेल, लिफ्ट का लोड नहीं ले सके। ऐसे में हॉस्टल, वार्ड में पानी का संकट छा गया। मरीजों की शिफ्टिंग तीमारदारों ने रैंप से की। उन्हें कई मंजिल तक स्ट्रेचर खींचना पड़ा।

इन भवनों की कटी बिजली

दरअसल, केजीएमयू में बिजली सप्लाई की दो लाइन हैं। इसमें 33 केवी में फॉल्ट आ गया। लिहाजा, इस लाइन से कनेक्ट कुलपति कार्यालय, कुलसचिव कार्यालय, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, पीएसआइ भवन, लिंब सेंटर, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, गांधी वार्ड, न्यूरोलॉजी विभाग, ओल्ड वीएल हॉस्टल, सीवी हॉस्टल, न्यू सीवी हॉस्टल, नेहरू छात्रावास, एसपी हॉस्टल में बिजली गुल रही।

पानी को तरसे मरीज-मेडिकोज

पांचों हॉस्टल में सुबह पानी का संकट छा गया। इस दौरान मेडिकोज ने हंगामा किया। वहीं पीडियाट्रिक्स सर्जरी, पीडियाट्रिक, गांधी वार्ड, जनरल सर्जरी, लिंब सेंटर में पानी का संकट हो गया। करीब 10 के बजे जनरेटर की स्पीड बढ़ाकर व किराए पर जनरेटर लाकर बिजली आपूर्ति सुधारी गई। इसके बाद पंप से ऊपरी मंजिलों में पानी पहुंचा। 

जांच-कृत्रिम अंग निर्माणशाला ठप

पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी में जहां 10 बजे तक जांचें ठप रहीं। वहीं लिंब सेंटर में एक्स-रे मशीन बंद रही। ऐसे ही कृत्रिम अंग निर्माणशाला का काम दिनभर बाधित रहा। यहां ड्रिल मशीन, ग्राइंडर, राउटर, ओवन समेत कई मशीनें रन नहीं कर सकीं। ऐसे में 20 मरीजों के सहायक उपकरण व 15 मरीजों के कृत्रिम अंगों का निर्माण नहीं हो सका।  इसके अलावा गेट लैब, डायनिमिक यूरो लैब बंद रहीं। 

सैकड़ों मरीज लौटे, इलाज बाधित

लिंब सेंटर में एक्सरे न होने से गठिया व फ्रैक्चर के मरीजों का इलाज बाधित हो गया। यहां ऊषा, इमरान, सैफुद्दीन आदि घंटों बैठे रहे। मगर, जांच नहीं हो सकी। ऐसे में ही पैथोलॉजी में सुबह जांचें ठप रहीं। सैकड़ों मरीज बगैर इलाज के लौट गए। एक्स-रे न होने से कलावती के पैर का प्लास्टर काटना टाल दिया गया। वहीं इन विभागों में ऑपरेशन 11 बजे से शुरू हुए।

किराये पर लाना पड़ा जनरेटर

केजीएमयू के जनरेटर लोड नहीं उठा सकेंगे। ऐसे में सुबह सेवाएं चरमराने लगीं। लिहाजा, 125 केवी, 250 केवी के दो जनरेटर किराए पर लाए गए। इन्हें सब स्टेशन पर कनेक्ट कर बिजली आपूर्ति बहाल की गई। 

अनसुनी करता रहा लेसा

केजीएमयू के अभियंता अखिलेश कुमार के मुताबिक बिजली खराब होने पर तुरंत लेसा को जानकारी दी गई। मगर, वह इंटरनल फॉल्ट बताकर टालता रहा। उच्चाधिकारियों के कहने पर लेसा ने फॉल्ट की मरम्मत की। रात में गई बिजली गुरुवार दो बजे के करीब बहाल हो सकी।

क्‍या बोले जिम्‍मेदार 

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि बिजली लेसा की फॉल्ट की वजह से गई थी। जनरेटर चलाकर सेवाएं सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया गया। 

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