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Prepaid Smart Electric Meters: प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी 4 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सुविधा

4-G Smart Prepaid Electric Meters in UP 4जी तकनीक के स्मार्ट प्रीपेड मीटर मौजूदा कनेक्शनों के भी पुराने मीटर बदलकर 4जी तकनीक के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने के लिए बिजली कंपनियों ने 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने का निर्णय किया है

By Ajay JaiswalEdited By: Dharmendra PandeyUpdated: Tue, 04 Oct 2022 02:57 PM (IST)
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4-G Smart Prepaid Electric Meters in UP:
लखनऊ, जेएनएन। 4-G Smart Prepaid Electric Meters in UP: मोबाइल कंपनियों के देश में 5-जी मोबाइल नेटवर्क प्रारंभ करने के बाद अब बारी बिजली कंपनियों की है। प्रदेश में बिजली के सभी (Power Consumers) उपभोक्ताओं के घर तथा प्रतिष्ठानों पर अब 4-जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर (4-G Smart Prepaid Meters) की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस पर उपभोक्ता परिषद ने 4-जी के स्थान पर 5-जी मीटर खरीदने की मांग रखी है।

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने सभी प्रीपेड बिजली उपभोक्तों को 4-जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर देने का फैसला किया है। इसके लिए बिजली कंपनियों ने 25 हजार करोड़ रुपये से 2.5 करोड़ मीटर खरीदने के टेंडर भी निकाले हैं। जिससे कि कम समय में ही यह कार्य प्रारंभ हो सके।

25 हजार करोड़ रुपये से 2.5 करोड़ मीटर

प्रदेश में सभी बिजली उपभोक्ताओं के यहां अब 4जी तकनीक के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए बिजली कंपनियां 25 हजार करोड़ रुपये से 2.5 करोड़ मीटर खरीदने जा रही हैं। इस संबंध में कंपनियों ने टेंडर निकाले हैं।

बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश 

तकरीबन 97 हजार करोड़ रुपये के घाटे में चल रही बिजली कंपनियां बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाने के साथ ही विद्युत राजस्व सुनिश्चित करने के लिए अब उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीप्रेड मीटर ही लगाए जाने की तैयारी में जुट गई हैं।

पुराने मीटर बदलकर 4जी तकनीक के स्मार्ट प्रीपेड मीटर

मौजूदा कनेक्शनों के भी पुराने मीटर बदलकर 4जी तकनीक के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने के लिए बिजली कंपनियों ने 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदने का निर्णय किया है। लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के मीटर खरीदने के संबंध में टेंडर निकाले गए हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का सवाल

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने 4 जी तकनीक के मीटर खरीदने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब देश में 5-जी तकनीक आ गई है तब 4-जी तकनीक के मीटर खरीदने पर विचार किया जाना चाहिए।

उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना

उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि बिजली कंपनियां 12 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के यहां 2 जी तकनीक के लगाए गए स्मार्ट मीटर को अब 3 जी तकनीक से बदलने का कोई रास्ता नहीं निकाल पा रही है। जिससे संबंधित उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि अब जबकि 4जी तकनीक जा रही है और 5जी तकनीक शुरू हो गई है, कंपनियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि 5जी तकनीक के ही मीटर हों।

2 जी तकनीक के 12 लाख मीटर

वर्मा के मुताबिक पहले प्रदेश में 2 जी तकनीक के 12 लाख मीटर लगाए गए लेकिन उऩ्हें 3जी में नहीं बदला जा पा रहा है। इसके लिए अरबों रुपये संबंधी कंपनी मांग रही है। ऐसे में यह स्पष्ट होना चाहिए कि भविष्य में 4 जी मीटर को 5 जी तकनीक में बदलने की क्या व्यवस्था होगी और उसका खर्च कौन उठाएगा।

परिषद अध्यक्ष ने प्रीपेड मीटर लगाए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के विद्युत अधिनियम में संशोधन के बिना सभी उपभोक्ताओं के यहां सिर्फ किसी नियम के तहत प्रीपेड मीटर नहीं लगाए जा सकते हैं। अधिनियम के तहत प्रीपेड मीटर लगाने के लिए उपभोक्ता की अनुमति जरुरी है।  

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