Move to Jagran APP

UP Police : दिवाली से पहले यूपी पुलिस के लिए आई बुरी खबर, लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी

UP Police बता दें कि शासन के निर्देश पर सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को पद से हटाने के बाद निलंबित कर दिया गया था। ऐसे ही अन्य जिलों में हुई घटनाओं में स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की भूमिका को देखा जा रहा है। डीजीपी मुख्यालय इंटरनेट मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वालों शरारती तत्वों के विरुद्ध भी जांच करा रहा है।

By Alok Mishra Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 17 Oct 2024 09:56 PM (IST)
Hero Image
जांच के बाद रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेज दी गई है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। त्योहार के दौरान हुई घटनाओं में लापरवाही बरतने वाले कई पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर कार्रवाई की तैयारी है। बहराइच में हुई हिंसा की घटना के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार ने बुधवार काे कानून-व्यवस्था की समीक्षा की थी और सभी जिलों में पूरी सतर्कता बरते जाने का कड़ा निर्देश दिया था।

डीजीपी मुख्यालय को सौंपी गई रिपोर्ट

डीजीपी ने त्योहार के दौरान हुई घटनाओं को लेकर गोरखपुर, वाराणसी व प्रयागराज जोन के एडीजी से रिपोर्ट मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि एडीजी ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को सौंप दी है, जिनका परीक्षण कराया जा रहा है। बहराइच, कौशांबी, कुशीनगर, बलरामपुर व अन्य जिलों में हुई घटनाओं को गंभीरता से लिया गया है। बहराइच में कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

शासन के निर्देश पर सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को पद से हटाने के बाद निलंबित कर दिया गया था। ऐसे ही अन्य जिलों में हुई घटनाओं में स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों व पुलिसकर्मियों की भूमिका को देखा जा रहा है। डीजीपी मुख्यालय इंटरनेट मीडिया के माध्यम से माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने वालों शरारती तत्वों के विरुद्ध भी जांच करा रहा है।

प्रदेश में एम सैंड नीति लागू, मिलेगा विकास को बढ़ावा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नदी में खनन से मिलने वाली बालू के विकल्प को बढ़ावा देने के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने एम सैंड नीति-2024 को लागू कर दिया है। एम सैंड (मेनुफैक्चर्ड सैंड ) से विकास और निर्माण कार्यों को गति मिलेगी।

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग निदेशक माला श्रीवास्तव ने बताया कि उपभोक्ताओं की सुविधा और सुलभता के लिए प्रदेश में एम सैंड नीति -2024 लागू की गयी है। नदी तल में पाये जाने वाले बालू के विकल्प के रूप में एम सैंड अर्थात् कृत्रिम बालू के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए यह नीति बनायी गई है।

इस नीति से प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग का भी महत्वपूर्ण योगदान रहेगा एम सैंड कृत्रिम बालू है नेशनल सैंड माइनिंग प्रेमवर्क 2018 एवं भारतीय मानक ब्यूरो (आइएस : 383-2016) के अनुसार एम सैंड की रासयनिक विशिष्टताएं एवं स्ट्रेंथ नदी से प्राप्त बालू के समान होती है, इसका उपयोग भी समान प्रकार से किया जा सकता है। नदी से प्राप्त बालू में मिट्टी व सिल्ट की मात्रा लगभग 0.45 प्रतिशत होती है, जबकि एम सैंड में यह लगभग 0.2 प्रतिशत है।

नदी से प्राप्त बालू में जल अवशोषण 1.15 प्रतिशत होता है, जबकि एम सैंड में यह लगभग 1.6 प्रतिशत है। प्रदेश में एम सैंड को बढ़ावा देने से पर्यावरण एवं नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को बिना नुकसान पहुंचाए सतत् विकास होगा। नदी तल से प्राप्त होने वाली बालू की सीमित मात्रा और इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए एम सैंड को नदी तल से प्राप्त होने वाली बालू के विकल्प के रूप में बढ़ावा मिलेगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।