UP: विद्युत उपभोक्ताओं से भी जीएसटी वसूलने की तैयारी, केंद्र सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर राज्यों से मांगी राय
GST On Electricity Bill केंद्र सरकार विद्युत उपभोक्ताओं से भी जीएसटी वसूलने की तैयारी में है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्यों से राय मांगी है। फिलहाल कामर्शियल व इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Fri, 31 Mar 2023 09:18 AM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। GST On Electricity Bill केंद्र सरकार अब विद्युत उपभोक्ताओं को भी जीएसटी के दायरे में लाने जा रही है। पहले-पहल कामर्शियल (वाणिज्यिक) और इंडस्ट्री (उद्योग) के उपभोक्ताओं से जीएसटी वसूलने की तैयारी है। जीएसटी से बिजली महंगी होने की आशंका जताते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
अभी विद्युत उपभोक्ता जीएसटी के दायरे में नहीं है। केंद्र सरकार ने विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से पहले राज्यों की राय जानने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग की। चूंकि उपभोक्ताओं से पहले से ही पांच से 7.5 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तौर पर वसूला जा रहा है इसलिए जीएसटी से और बिजली महंगी होने की आशंका जताते हुए ज्यादातर राज्यों ने जीएसटी का विरोध किया है।
सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी उपभोक्ताओं के हित में प्रस्ताव पर असहमति जताते हुए खासतौर से घरेलू उपभोक्ताओं व किसानों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि उपभोक्ताओं से पहले ही पांच से 7.5 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी ली जा रही है जो कि सालाना लगभग 3032 करोड़ रुपये होती है। ऐसे में उपभोक्ताओं पर जीएसटी लगाए जाने को गैर कानूनी बताते हुए वर्मा ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
परिषद अध्यक्ष ने जीएसटी का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रस्ताव को खारिज कर उपभोक्ता विरोधी कार्यों की जांच कराए जाने की मांग की। वर्मा ने कहा कि जीएसटी का विरोध करने के लिए वह जल्द ही ऊर्जा क्षेत्र के उपभोक्ता प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएंगे। हालांकि, विद्युत उपभोक्ताओं पर जीएसटी लगाए जाने के संबंध में केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार का कहना है कि इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है।
घरेलू और किसानों पर तो जीएसटी लगाए जाने का कोई प्रस्ताव ही नहीं है। उन्होंने बताया कि कामर्शियल और इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं को जीएसटी के दायरे में लाए जाने से उनका फायदा ही होगा। कारण है कि जीएसटी के दायरे में होने पर वे इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगे। ऐसे में कुल मिलाकर उनका बिजली का खर्चा कम भी हो सकता है।
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