Move to Jagran APP

प्राइवेट स्कूल पहुंचे हाई कोर्ट, फीस नहीं बढ़ाने के यूपी सरकारी आदेश को बताया असंवैधानिक

मौजूदा सत्र में फीस न बढ़ाने के आदेश के खिलाफ प्राइवेट स्कूल की ओर से हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता केा नेाटिस जारी कर राज्य सरकार से किया जवाब तलब।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Wed, 20 May 2020 07:53 AM (IST)
प्राइवेट स्कूल पहुंचे हाई कोर्ट, फीस नहीं बढ़ाने के यूपी सरकारी आदेश को बताया असंवैधानिक
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कोरोना महामारी के चलते इस वित्तीय वर्ष गैर-सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि न करने संबधी आदेशों एवं साथ ही यूपी आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग पर सुनवायी करते हुए महाधिवक्ता को नोटिस जारी किया है तथा साथ ही राज्य सरकार से 18 जून तक जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस अनिल कुमार और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ यूपी व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर वीडियो कांफे्रसिंग के जरिये सुनवायी करते हुए पारित किया है।

याचिका में सरकार के 27 अप्रैल 2020 1 मई 2020 के आदेशों को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि उक्त आदेशों को जारी करते हुए, कोरोना महामारी के नाम पर गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के इस वर्ष फीस वृद्धि पर रोक लगा दी गई है जो कि मनमाना, अतार्किक एवं असंवैधानिक है। प्राइवेट स्कूलों की ओर से पेश सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान दलील दी कि उत्तर प्रदेश सेल्फ फिनान्स इंडिपेंडेंट स्कूल्स (फी रेगुलेशन) एक्ट 2018 के तहत फीस वृद्धि की जा सकती है। फीस वृद्धि के सम्बंध में बिना किसी अभिभावक की आपत्ति आए, सरकार ने स्वतः संज्ञान लेकर यूपी आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उक्त आदेश जारी कर दिये।

याचिका में उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 को भी असंवैधानिक घोषित करने की भी मांग की गई है तथा उसे केंद्रीय अधिनियम का अतिक्रमण करने वाला बताया गया है। राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया और कहा गया कि याचिका में यूपी आपदा प्रबंधन अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी है और ऐसे मामलेां में महाधिवक्ता को नेाटिस करना अनिवार्य है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद महाधिवता को नोटिस जारी कर दी और साथ ही राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा तलब कर लिया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।