Move to Jagran APP

UP News: यूपी में ढाई माह में निपटाए गए 11.8 लाख राजस्व वाद, उठे सवाल तो योगी सरकार ने द‍िए जांच के आदेश

यूपी में फटाफट निपटाने में एकपक्षीय खारिज किए गए राजस्व मुकदमों की फ‍िर से जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लंबित राजस्व वादों पर चिंता जताते हुए उन्हें जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए तो प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर ढाई माह में 11.8 लाख राजस्व वाद जैसे-तैसे निपटा दिए गए। फटाफट निपटाने के चक्कर में बड़ी संख्या में राजस्व वादों को एकपक्षीय खारिज करने से अब सवाल उठ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sat, 16 Dec 2023 03:40 PM (IST)
Hero Image
UP News: योगी सरकार ने द‍िए एकपक्षीय खारिज किए गए राजस्व मुकदमों की जांच के आदेश
राजीव दीक्षित, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लंबित राजस्व वादों पर चिंता जताते हुए उन्हें जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए तो प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर ढाई माह में 11.8 लाख राजस्व वाद जैसे-तैसे निपटा दिए गए। फटाफट निपटाने के चक्कर में बड़ी संख्या में राजस्व वादों को एकपक्षीय खारिज करने से उठे सवाल पर योगी सरकार अब उनकी जांच कराकर वादकारियों को संतुष्टि करेगी।

मुख्यमंत्री द्वारा 16 सितंबर को राजस्व वादों की समीक्षा में राजस्व न्यायालयों में 20.6 लाख मुकदमे लंबित पाए जाने पर दो माह का विशेष अभियान चलाकर उन्हें निस्तारित करने के निर्देश दिए गए थे। राजस्व न्यायालयों में 17 सितंबर से 30 नवंबर तक 4.9 लाख और मुकदमें होने पर 30 नवंबर को प्रदेश में 25.5 लाख वाद विचाराधीन थे जबकि इसी अवधि में रिकार्ड 11.8 लाख राजस्व वाद निस्तारित किये गए।

राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) पोर्टल पर वादों की समीक्षा में यह तथ्य संज्ञान में आया है कि कुछ राजस्व न्यायालयों में वादों को तत्काल न दर्ज करके ही सुनवाई की जा रही है और वाद में निर्णय की स्थिति आने पर ही उनको पोर्टल में दर्ज किया जा रहा है। यही नहीं अधिक निस्तारण दिखाने के लिए कुछ राजस्व न्यायालय वादों को माह के अंत में खारिज कर उन्हीं मुकदमों को अगले महीने फिर से रीस्टोर (पुनर्स्थापित) कर ले रहे हैं।

बिना उचित कारण के मुकदमे एकपक्षीय खारिज किए जा रहे हैं। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए राजस्व परिषद, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के स्तर पर राजस्व वादों की मानिटरिंग गहनता से करने और निर्धारित प्रक्रिया से विचलन पाए जाने पर संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में राजस्व परिषद ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राजस्व न्यायालयों के सभी पीठासीन अधिकारी/पेशकार से मुकदमों का शत-प्रतिशत पंजीकरण आरसीसीएमएस पोर्टल पर दर्ज करने का प्रमाणपत्र लें।

यह भी निर्देश दिए गए हैं कि तहसील दिवस पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले अधिकारी राजस्व न्यायालयवार 16 सितंबर के बाद निस्तारित 10 मुकदमों की फाइलों का रैंडम आधार पर चयन कर उनका परीक्षण करें। मंडलीय न्यायालयों की जांच मंडलायुक्त या उनकी ओर से नामित अधिकारी जबकि जिला स्तरीय न्यायालयों की जांच जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित अधिकारी करें।

इन बिन्दुओं पर होगी जांच

मुकदमों का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर किया गया है या नहीं, इसका परीक्षण करने के लिए जांच के दौरान अधिकारी तीन बातों का ध्यान रखेंगे। उन्हें यह देखना होगा कि मुकदमे में वाद बिंदु का निर्धारण किया गया है या नहीं? यह भी देखना होगा कि साक्ष्य फाइल पर उपलब्ध हैं या नहीं? संबंधित पक्षों को सुनवाई का समुचित अवसर दिया गया है या नहीं?

यह भी पढ़ें: Parliament Security Breach: सुरक्षा में सेंध पर बिफरा विपक्ष, 'आवाज उठाना हमारा संसदीय कर्म और धर्म'

यह भी पढ़ें: New Born Baby Welcome: दुल्हन सी सजी विंटेज कार, गली में रेड कारपेट, मथुरा में अलग अंदाज में किया दूसरी नवजात बेटी का स्वागत

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।