'झूठ बोलकर संसद की गरिमा को ठेस न पहुंचा रहे हैं राहुल', यूपी भाजपा अध्यक्ष ने कहा- जनता से मांगनी चाहिए माफी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि राहुल ने लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा की बजाय विभिन्न मुद्दों पर झूठ बोला। राहुल ने अपने भाषण में हिंसक व नफरती बताकर न केवल हिंदुओं का अपमान किया है बल्कि अग्निवीर किसान व अयोध्या जैसे मुद्दों पर भी झूठ बोला। उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए भाषण पर पलटवार करते हुए कहा है कि झूठ बोलकर राहुल संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। इस संदर्भ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि लगातार तीसरी बार फेल हो चुके राहुल का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला ही भाषण झूठ, निराशा और तथ्यहीन था। उन्होंने हिंदुओं का अपमान किया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि राहुल ने लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा की बजाय विभिन्न मुद्दों पर झूठ बोला। राहुल ने अपने भाषण में हिंसक व नफरती बताकर न केवल हिंदुओं का अपमान किया है बल्कि अग्निवीर, किसान व अयोध्या जैसे मुद्दों पर भी झूठ बोला। उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। वह हिंदुओं का अपमान नहीं कर सकते।
'इससे पता चलता है इनकी असल मंशा क्या है'
99 सीटें जीतने पर वह हिंदुओं को हिंसक, नफरती और झूठा बता रहे हैं, इससे पता चलता है कि इनकी असल मंशा क्या है। उन्होंने राहुल से सवाल किया कि 1984 में सिखों का नरसंहार किसने किया था। आपातकाल में आम लोगों को किसने प्रताड़ित किया था। संतों पर किसने गोलियां चलवाई थी। राहुल पश्चिम बंगाल में हुई घटनाओं पर कुछ नहीं बोलते, तमिलनाडु में हिज्ब-उत-तहरीर की मंशा पर कुछ नहीं बोलते, केरल में अपने सहयोगी की हिंसा भड़काने की तहरीरों पर कुछ नहीं बोलते लेकिन हिंदुओं को हर बार बदनाम करते हैं।
2010 में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हिंदुओं को आतंकवादी कहा था। 2013 में पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी हिंदुओं को आतंकवादी बताया था। 2021 में राहुल गांधी ने हिंदुत्ववादियों को देश से बाहर निकालने को कहा था और अब संसद के पटल पर संपूर्ण हिंदुओं को असत्यवादी और हिंसक कह रहे हैं। सदन में भगवान शंकर, गुरु नानक देव के चित्र दिखाकर राजनीति करना गलत है। राहुल ने इस्लाम में भी अभय मुद्रा बता दी जबकि इस्लाम में कोई चित्र नहीं होता है। कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पीडब्लूडी मंत्री सतीश जारकीहोली भी हिंदुओं के प्रति अपशब्दों का प्रयोग कर चुके हैं।
'लोकसभा में ईश्वर के नाम की शपथ क्यों नहीं ली'
उन्होंने कहा कि राहुल ने संसद में ईश्वर का नाम लिया, लेकिन लोकसभा में ईश्वर के नाम की शपथ क्यों नहीं ली। संसद में अग्निवीर योजना पर भी राहुल ने भ्रामक बयान दिया कि योजना में बलिदानियों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता, जबकि सच्चाई यह है कि योजना के तहत बलिदानियों को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसी प्रकार अयोध्या में मुआवजे पर संसद को गुमराह करने की कोशिश की कि अयोध्या में लोगों की जमीनें ली गई लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया जबकि सच्चाई यह है कि लोगों को मुआवजे दिए गए हैं। उनके द्वारा किसानों को एमएसपी देने के झूठ की पोल कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने खोल दी है।
'लोकसभा स्पीकर पर भी की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी'
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राहुल ने लोकसभा अध्यक्ष पर भी गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की है। कांग्रेस का चरित्र देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का रहा है। इंदिरा गांधी ने भी संसद, न्याय प्रणाली और नौकरशाही जैसी देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं को कमजोर करने का कार्य किया। अपने भाषण के दौरान राहुल बार-बार स्पीकर की तरफ अपनी पीठ कर रहे थे, जबकि यह गलत है।