लखनऊ रेलवे डिविजन ने बनाई देश की पहली मोबाइल ट्रेनिंग कार Saksham, अब पटरियों पर दौड़ती बोगी में मिलेगा रेलकर्मियों को प्रशिक्षण
लखनऊ जेएनएन। रेलवे के मैकेनिकल इंजीनियरिंग और परिचालन सहित सभी अनुभाग के कर्मचारी अब पटरी पर दौड़ती बोगी में अपनी पूरी ट्रेनिंग ले सकेंगे। रेलवे ने पहली बार मोबाइल ट्रेनिंग कार सक्षमÓ को बनाया है। जिससे अब कोरोना काल में भी कर्मचारियों की ट्रेनिंग प्रभावित नहीं होगी।
लखनऊ, जेएनएन। रेलवे के मैकेनिकल, इंजीनियरिंग और परिचालन सहित सभी अनुभाग के कर्मचारी अब पटरी पर दौड़ती बोगी में अपनी पूरी ट्रेनिंग ले सकेंगे। रेलवे ने पहली बार मोबाइल ट्रेनिंग कार 'सक्षमÓ को बनाया है। जिससे अब कोरोना काल में भी कर्मचारियों की ट्रेनिंग प्रभावित नहीं होगी।पिछले साल कोरोना काल के कारण रेलवे के सभी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बंद हो गए थे। ऐसे में डीआरएम संजय त्रिपाठी ने कैरिज व वैगन वर्कशॉप को मोबाइल ट्रेनिंग कार बनाने के आदेश दिए। जिससे कर्मचारियों को उन क्षेत्रों तक ट्रेनिंग की सुविधा दी जाए, जहां कोई ट्रेनिंग सेंटर नहीं है।
रेलकर्मियों को ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भी न आना पड़े। कैरिज व वैगन वर्कशॉप ने दो कनवेंशनल (पुरानी बोगियों) कोच को डिजाइन किया। मैकेनिकल अधिकारियों ने प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग के लिए आरामदायक कुर्सियां, प्रोजेक्टर, एसी वातानुकूलित कक्ष, पुस्तकालय सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की है। दोनों ही कोच को पर्यवेक्षक प्रशिक्षण केंद्र चारबाग के अधीन तैनात किया गया है। इस मोबाइल ट्रेनिंग कार से ट्रेनिंग के साथ रिफे्रशर कोर्स भी पूरा कराया जा सकता है। सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ल ने बताया कि यह देश की पहली मोबाइल ट्रेनिंग कार है।
आत्मनिर्भर भारत प्रोजेक्ट के तहत इसका निर्माण किया गया है। इस कारण इनका नाम सक्षम रखा गया है। सक्षम से रेलवे अधिकारियो व कर्मचारियों के कोर्स अपने तय समय पर पूरा होंगे। इन कोच को मंडल के फैजाबाद स्टेशन पर पर्यवेक्षकों व कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए तैनात किया गया है। डीआरएम संजय त्रिपाठी ने इसकी कोच की सारी सुविधाओं का निरीक्षण किया है।