Indian Railways: रेलवे ने लखनऊ से संचालित 70 फीसद ट्रेनों से हटाया एस्कार्ट, जानें- क्या है वजह
Indian Railways यूपी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर रेलवे ने लखनऊ से संचालित करीब 70 फीसद ट्रेनों से एस्कार्ट हटा लिया है। सभी की ड्यूटी चुनाव में लगेगी। सिर्फ 30 फीसद संवेदनशील ट्रेनों में ही आरपीएफ और जीआरपी के जवान मुस्तैद रहेंगे।
By Vikas MishraEdited By: Updated: Wed, 09 Feb 2022 01:45 PM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। यदि आप इन दिनों रात की ट्रेनों में सफर कर रहे हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए सावधान हो जाएं। जीआरपी और आरपीएफ ने उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की करीब 70 प्रतिशत ट्रेनों से अपना एस्कार्ट कम कर दिया है। एस्कार्ट में लगे जीआरपी और आरपीएफ जवानों को चुनाव ड्यूटी पर भेजा गया है।उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की अस्सी ट्रेनों में जीआरपी और आरपीएफ एस्कार्ट की तैनाती रहती है। इनमें अधिकांश रात को चलने वाली ट्रेनें हैं।
यह एस्कार्ट लखनऊ से गाजियाबाद, झांसी व लखनऊ से वाराणसी व गोरखपुर सहित कई रूटों पर रात की ट्रेनों में चलता है। एस्कार्ट में जीआरपी और आरपीएफ सिपाही के अलावा सब इंस्पेक्टर भी रहते हैं। जो चलती ट्रेन में अपराधिक घटना रोकने के लिए सतर्क रहते हैं। एस्कार्ट की निगरानी जीआरपी और आरपीएफ के एस्कार्ट अलग-अलग ट्रेनों में करती है। इनकी मानीटरिंग भी शीर्ष अधिकारी भी करते हैं। प्रतिदिन एस्कार्ट की रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसमें ट्रेन में हुई किसी अपराधिक घटनाओं की जानकारी तक देनी पड़ती है।
जीआरपी और आरपीएफ के एस्कार्ट को फिलहाल 70 प्रतिशत ट्रेनों से हटाकर उनको चुनाव ड्यूटी पर भेजा गया है। लखनऊ जंक्शन और चारबाग सहित सभी बड़े स्टेशनों पर मौजूदा जीआरपी सिपाहियों की संख्या भी बहुत कम हो गयी है। ऐसे में अब जीआरपी ने मौजूदा सिपाहियों को केवल उन ट्रेनों में लगाने का निर्णय लिया है। जिनमें अपराध की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। एसपी रेलवे सौमित्र यादव कहते हैं कि चुनाव ड्यूटी में जीआरपी सिपाहियों को भेजा गया है। इस कारण एस्कार्ट बल में कमी आ गई है। जीआरपी अब उन ट्रेनों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। जिनमें अपराध की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं।
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