अयोध्या में बनेगा रामायण विश्वविद्यालय, छात्र पढ़ेंगे रामचरितमानस; योगी सरकार ने 21 एकड़ भूमि चिह्नित की
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना करने जा रही है। प्रदेश सरकार ने 100 दिनों की कार्ययोजना में इसे शामिल किया है। विश्वविद्यालय के लिए ट्रस्ट द्वारा 21 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है।
By Vikas MishraEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 06:41 AM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार 100 दिनों के अंदर अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना करवाने जा रही है। इसके लिए महर्षि विद्यापीठ ट्रस्ट के साथ समझौता किया जाएगा। विश्वविद्यालय के लिए ट्रस्ट द्वारा 21 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। इसी प्रकार अयोध्या शोध संस्थान राम नवमी के अवसर पर ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया आफ द रामायण के तहत 10 ग्रंथों का प्रकाशन एवं विमोचन करेगा। इसके माध्यम से विज्ञान एवं आध्यात्म के अनेक पहलुओं को जन मानस तक पहुंचाया जाएगा।
संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने शुक्रवार को 100 दिनों की कार्ययोजना की समीक्षा में कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत मई में लखनऊ में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए भूमि पूजन होगा। कबीर अकादमी, मगहर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण भी 100 दिनों की कार्ययोजना में शामिल है।इसी प्रकार एडाप्ट हेरिटेज पालिसी के तहत नौ राज्य संरक्षित स्मारकों पर रूचि की अभिव्यक्ति के द्वारा स्मारक मित्र बनाए जाने की योजना है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि संस्कृति विभाग के राज्य पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आगा खान ट्रस्ट फार कल्चर नई दिल्ली के साथ संरक्षित स्मारक छतर मंजिल एवं फरहत बक्श कोठी के फिर से उपयोग की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पुरातत्व अभिरुचि पाठ्यक्रम का आयोजन जून, 2022 में किया जाएगा। इसके अलावा भातखंडे राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय के अंतर्गत नवीन पाठ्यक्रमों की शुरुआत भी की जाएगी।
राज्य ललित कला अकादमी में कलाकृति विक्रय केंद्र की स्थापना भी होगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र भारत सरकार की योजना के तहत पांडुलिपि रिसोर्स सेंटर की स्थापना की जाएगी। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ज्ञात व अज्ञात शहीदों के जीवन एवं योगदान पर आधारित 10 पुस्तकों का प्रकाशन किया जाएगा।प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने मंत्री को संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। निदेशक सूचना एवं संस्कृति शिशिर ने कहा कि स्थानीय कलाओं, व्यंजनों, वेश-भूषा, लोक जीवन, हस्तशिल्प, संगीत, लोकगीत आदि को एक जिला एक उत्पाद योजना की तर्ज पर प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
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