रामोत्सव 2024: अयोध्या में कंकड़-पत्थर भी सुनाएंगे श्रीराम की गौरव गाथा, रामनगरी को सजाने की प्रक्रिया में तेजी
उत्तर प्रदेश की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के साथ ही प्रदेश की आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार रामनगरी अयोध्या को नव्य-भव्य रूप में सजाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के साथ ही प्रदेश की आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध योगी सरकार रामनगरी अयोध्या को नव्य-भव्य रूप में सजाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
अयोध्या में 22 जनवरी को प्रस्तावित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले पूरे क्षेत्र के कायाकल्प की प्रक्रिया जारी है। 30 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे से पूर्व श्रीराम जन्म भूमि मंदिर को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर रामायण काल के प्रमुख प्रसंगों का मनमोहक चित्रण कराने की दिशा में योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाई जा रही है।
सीएम योगी की मंशा अनुसार, अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजाने की प्रक्रिया जारी है।
वहीं, दूसरी ओर अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों की दीवारों को कंकड़-पत्थर से बनी कलाकृतियों से सजाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया जारी है तथा माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पूर्व इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एडीए का उद्देश्य अयोध्या शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने का है और वर्ष 2047 तक अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने पर लक्ष्य केंद्रित किया जा रहा है। साथ ही, अयोध्या में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे हैं जिससे यह शहर प्राचीनता व आधुनिकता का जीवंत मिश्रण बन सके।
धर्म पथ समेत प्रमुख मार्गों पर स्थापित हो रही हैं कलाकृतियां
एडीए के अनुसार, प्रतिष्ठित धर्म पथ रोड के किनारे टेराकोटा कलाकृतियों व भित्तिचित्रों की स्थापना की जा रही है। इनमें प्रभु श्रीराम के जीवनकाल से जुड़े संदर्भों को दर्शाया जा रहा है। इसमें श्रीराम दरबार, खर-दूषण वध, कैकई कोपभवन गमन दृष्य समेत अनेक प्रसंगों को दर्शाया जा रहा है। यह परंपरा और आधुनिकता के मिश्रण का प्रतीक है जो तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को अयोध्या के कालातीत आकर्षण का अनुभव करने के लिए स्वागत करता है।
धर्म पथ सड़क के किनारे टेराकोटा भित्ति चित्रों के निर्माण से यहां आध्यात्मिक शांति की तलाश में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों और यात्रियों को आकर्षित कर रहा है जो सेल्फी प्वॉइंट में भी परिवर्तित हो गया है। ये भित्तिचित्र दृश्य इतिहास के रूप में काम कर रहे हैं, जो उन पवित्र किंवदंतियों, महाकाव्यों और कहानियों का वर्णन करते हैं, जो सदियों से अयोध्या के हदयस्थल पर अंकित हैं। ये भित्तिचित्र तीर्थयात्रियों के सांस्कृतिक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेंगे जो पवित्र अतीत और कोलाहल भरे वर्तमान के बीच की खाई को पाटते हैं। ये भित्तिचित्र न केवल कलात्मक अभिव्यक्ति बन जाते हैं, बल्कि ज्ञान, समझ और एकता के मार्ग भी प्रशस्त करेंगे। ये शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही ओपन एयर गैलरी के तौर पर भी कार्य करेंगे।
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