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RBI Update: अब पांच लाख से ज्यादा का चेक काटें तो बैंक को बताएं, तभी होगा भुगतान

लखनऊ पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम के तहत आज से नई व्यवस्था। भारतीय रिजर्व बैंक ने दिया बैंकों को अहम निर्देश। बैंक को सूचना न देने पर चेक डिसऑनर किया जा सकता है। चेक क्लोनिंग व फ्रॉड पर लगेगा अंकुश।

By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Fri, 01 Jan 2021 03:51 PM (IST)
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लखनऊ : पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम के तहत आज से नई व्यवस्था। भारतीय रिजर्व बैंक ने दिया बैंकों को अहम निर्देश।
लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। अगर आप पांच लाख रुपये य उससे अधिक की रकम का भुगतान चेक से कर रहे हैं तो आपको इस संबंध में बैंक को पहले सूचना देनी होगी। भुगतान पाने वाले का नाम, रकम की पूरी जानकारी बैंक को देने पर ही चेक क्लियर होगा। बैंक को सूचना न देने पर चेक डिसऑनर किया जा सकता है। 

चेक क्लोनिंग व फ्रॉड पर लगेगा अंकुश 

बीते कुछ वर्षों में चेक क्लोनिंग और फ्रॉड के तमाम मामले सामने आए हैं। इससे बचने के लिए आरबीआइ की ओर से पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम (पीपीएस) को लागू किया जा रहा है। इसके तहत पहली जनवरी से पांच लाख या उससे अधिक की रकम के भुगतान के लिए ग्राहक को चेक संबंधी ब्योरा बैंक को पहले से देना होगा। इसके लिए ग्राहक को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से एसएमएस या मोबाइल एप, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से चेक संबंधी सूचना देनी होगी।

बैंक ग्राहकों की यह होगी जिम्म्मेदारी

बैंक ग्राहक की जिम्म्मेदारी बनती है कि भुगतान से जुड़ी जरूरी जानकारी जैसे बेनिफिशियरी का नाम, तारीख, रकम इत्यादि इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों (एसएमएस, मोबाइल एप, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम सहित अन्य साधनों) से बैंक को उपलब्ध कराए।

क्‍या कहते हैं लखनऊ आरबीआइ महाप्रबंधक ? 

लखनऊ आरबीआइ महाप्रबंधक पंकज कुमार के मुताबिक, पहली जनवरी से पॉजिटिव पेमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) द्वारा चेक ट्रंकेटेड सिस्टम (सीटीएस) में पॉजिटिव पे संबंधी जरूरी सुविधा बैंकों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। सीटीएस की शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में भी उन्हीं मामलों का निस्तारण किया जाएगा, जिसमें इस प्रक्रिया का पालन पहले ही किया गया हो। 

क्‍या कहते हैं बैंक ऑफ इंडिया महाप्रबंधक ? 

बैंक ऑफ इंडिया महाप्रबंधक बृजलाल ने बताया कि पांच लाख य उससे अधिक का चेक इश्यू करने पर बैंक को पहले से सूचना देनी होगी। इससे उसकी डिटेल एनपीसीआइ पर रजिस्टर हो जाएगी। इस स्थिति में भुगतान के लिए जैसे ही चेक पहुंचेगा, यह यह स्पष्ट रहेगा कि वह सही है। चेक संबंधी फ्रॉड रोकने के लिए यह एक सार्थक कदम साबित होगा।

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