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Building Materials Price: सीमेंट, सरिया और ईंट के बढ़ते दामों ने बढ़ाई परेशानी, न‍िर्माण कार्य रोकने को मजबूर

वर्ष 2021 के मुकाबले सीमेंट सरिया ईंट के भाव इस वर्ष 2022 में काफी वृद्ध‍ि हो गई है। भवन न‍िर्माण सामग्री के विक्रेता का कहना है क‍ि डीजल और पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण भी महंगाई बढ़ी है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 07:23 PM (IST)
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Building Materials Price: पिछले वर्ष के मुकाबले भवन न‍िर्माण सामग्री में काफी फर्क।
लखीमपुर, संवादसूत्र। Building Materials Price: महंगाई के दौर में सीमेंट, सरिया, ईंट, मौरंग, बालू आदि के भाव आसमान छू रहे हैं जिससे कि लोगों को निर्माण कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो लोगों ने अपने निर्माण कार्य ही रुकवा दिए हैं। हालात यह है कि निर्माण कार्य की जरूरत में आने वाला सभी सामान पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष काफी महंगा हो चुका है।

पिछले वर्ष 2021 के मुकाबले सीमेंट, सरिया, ईंट के भाव इस वर्ष 2022 के भाव में काफी फर्क आ चुका है। सीमेंट, सरिया के विक्रेता शिवभोला सैनी का कहना है कुछ सामग्री तो महंगी हुई है और कुछ फर्क डीजल और पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण हुआ है। भाड़ा महंगा हो गया है जिस कारण वस्तुओं के भाव में काफी फर्क आ चुका है। कुछ चीजें तो महंगी हुई हैं और कुछ भाड़े के कारण उनके भाव आसमान छू रहे हैं।

यह हैं रेट

  • वर्ष 2021 जुलाई में सीमेंट 370 रुपए बोरी थी।
  • वर्तमान 2022 में सीमेंट बोरी 450 रुपए तक है।
  • वर्ष 2021 जुलाई में सरिया 6000 रुपए कुंतल थी।
  • वर्तमान 2022 में सरिया 6800 रुपए कुंतल है।
  • वर्ष 2021 जुलाई में ईंट 6200 रुपए कुंतल थी।
  • वर्तमान 2022 में ईंट 7800 रुपए कुंतल है।
  • वर्ष 2021 जुलाई में मौरंग 140 रुपए कुंतल थी।
  • वर्तमान 2022 में मौरंग 168 रुपए कुंतल है।
सपना हो गया मकान बनाना : आवश्यक वस्तुओं के दाम महीने में दो तीन बार बढ़ते हैं। काफी दिनों से मकान में कुछ निर्माण कार्य करवाना चाह रहे थे लेकिन महंगाई के कारण काम नही हो पा रहा है। दवा कम्पनी में कार्य करने के कारण सबकुछ वेतन से ही पूरा होता है। विनय मिश्रा, निवासी मुहल्ला रामनगर लखीमपुर

पहले महीने के अंत तक कुछ न कुछ बचत हो जाती थी। अब जीवन में स्थिरता खत्म सी हो गई है। हर महीने बजट में बढ़ोत्तरी करता हूं फिर भी कुछ न कुछ कमी हो जाती है। क्योंकि मंहगाई है कि रुकने का नाम ही नही ले रही। दवा, राशन, मकान निर्माण की सभी वस्तुएं सबकुछ महंगा हो गया है। अपना मकान बनाना तो सपना हो गया है। इंजी दुर्गेश वर्मा, ग्राम फत्तेपुर सैधरी, पोस्ट मिदनिया, लखीमपुर

पहले डीजल पेट्रोल सस्ता हुआ करता था जिससे लोगो की बचत हो जाया करती थी। यूरिया और डीएपी सस्ती होती थी। अब यूरिया बोरी में पांच किलो कम है और डीएपी के दाम आसमान छूते जा रहे है। मकान बनवाना चाहते हैं लेकिन सीमेंट और सरिया के दाम देखकर हिम्मत नही कर पा रहे हैं। - अभिमन्यु मिश्रा किसान निवासी रामलोक (ढखीनिया) ब्लॉक धौरहरा लखीमपुर

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