रालोद की इफ्तार पार्टी छह जून को, अखिलेश, मायावती और राजबब्बर को भी न्यौता
छह जून को रालोद मुख्यालय में आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
By Ashish MishraEdited By: Updated: Tue, 05 Jun 2018 08:21 AM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। कैराना संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव की जीत से उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा के विरोध में विपक्ष को एकजुट बनाये रखने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं। गठबंधन फार्मूले में विस्तार देने की तैयारी भी है। छह जून को रालोद मुख्यालय में आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा की अध्यक्ष मायावती, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर समेत अन्य नेताओं को न्यौता भेजने की जानकारी देते हुए रालोद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद ने बताया कि इफ्तार में जयंत चौधरी के अलावा कैराना की नवनिर्वाचित सांसद तबस्सुम भी शामिल होंगी।
रालोद मुख्यालय में लंबे समय बाद रोजा इफ्तार कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर दंगे के बाद जिला व स्थानीय स्तर पर भी रोजा इफ्तार जैसे कार्यक्रम बंद हो गए थे। जाट-मुस्लिम तनाव कैराना जीत के बाद कम होने का दावा करते हुए प्रवक्ता सुनील रोहटा ने कहा कि किसानों की बेकाबू होती समस्याओं ने सम्प्रदाय टकराव को कमजोर किया। सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते जनता के दबाव में गैरभाजपाई दलों में एकजुटता दिखने लगी है। कैराना जीत के बाद से सिद्ध हो गया कि प्रदेश की जनता अब जुमलेबाज नेताओं को अधिक बर्दाश्त नहीं करना चाहती है।
जिला व शहरों में भी होंगे भाईचारा कार्यक्रम : प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद ने बताया कि जिला एवं शहर इकाइयों से आपसी सोहार्द बढ़ाने वाले कार्यक्रम व गोष्ठी आदि कराने को कहा गया है। देश व समाज को बांटकर राजनीति करने वालों का अंतिम दौर शुरू हो गया है। गांव में चौपाल व शहरी क्षेत्रों में नुक्कड़ बैठकों के जरिये एकजुटता को बढ़ाया जाएगा। केंद्र व प्रदेश सरकार की विफलताएं भी आमजन तक पहुंचाई जाएंगी। दंगों की पीड़ा खत्म करने को भाईचारा सम्मेलन भी किये जाएंगे। भाजपा की घेराबंदी के लिए गन्ना मूल्य भुगतान जैसी समस्याओं पर आंदोलन किया जाएगा।
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