ये वही डॉक्टर है… जिसने लाखों युवाओं की जिंदगी से खेला, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार तो निकली कई बातें
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक डॉ. शरद सिंह पटेल मूल रूप से मिर्जापुर के चुनार पचेवरा कैलाहट का रहने वाला है। यहां वृंदावन योजना कॉलोनी में लवनेस्ट अपार्टमेंट में रहता था। उसके अन्य साथियों में राजा बाजार का अभिषेक शुक्ला प्रयागराज के झूंसी कमलदीपुर चकचुरवान रहने वाला कमलेश कुमार पाल और प्रयागराज कैंट म्योराबाद का अर्पित विनीत यशवंत हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। आरओ/एआरओ (समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी) पर्चा लीक कांड मामले में एसटीएफ ने गिरोह के सरगना राजीव नयन के दाहिने हाथ डॉ. शरद और उसके तीन साथियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। चारों को वृंदावन कॉलोनी में कालिंदी पार्क के पास से पकड़ा है।
एसटीएफ ने दी जानकारी
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह के मुताबिक, डॉ. शरद सिंह पटेल मूल रूप से मिर्जापुर के चुनार पचेवरा कैलाहट का रहने वाला है। यहां वृंदावन योजना कॉलोनी में लवनेस्ट अपार्टमेंट में रहता था।
उसके अन्य साथियों में राजा बाजार का अभिषेक शुक्ला, प्रयागराज के झूंसी कमलदीपुर चकचुरवान रहने वाला कमलेश कुमार पाल और प्रयागराज कैंट म्योराबाद का अर्पित विनीत यशवंत हैं।
गिरोह के सरगना राजीव नयन से पूछताछ में डॉ. शरद के बारे में जानकारी मिली थी। डॉ. शरद पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक करा चुका है। आरोपियों के पास से दो लाख रुपये, दो लक्जरी कार और कई अहम दस्तावेज मिले हैं।
सरगना ने शरद को 25 लाख रुपये बेचा था पर्चा
एसटीएफ की पूछताछ में पता चला कि प्रश्न पत्र 25 लाख रुपये में बेचा गया था। डॉ. शरद को आरओ भर्ती परीक्षा के पर्चे का 25 लाख रुपया मिला था। डॉ. शरद और उसके साथी पर्चा लेकर पलासियों माल के पास चार लग्जरी कारों से पहुंचे थे।यहीं पर उन्हें अभ्यर्थियों से रकम भी मिली थी। अभ्यर्थियों को आरओ परीक्षा के पर्चे पर जो प्रश्न थे उनके उत्तर रटाए गए थे। इस काम में शरद का साथी अमित सिंह भी शामिल था। अमित को चार अप्रैल को ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
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