UP News: हादसों में लखीमपुर खीरी सबसे आगे, लखनऊ का दूसरा स्थान; जानिए क्या है वजह?
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों का कहर जारी है। जनवरी से सितंबर तक 1207 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें 421 लोगों की मौत हो गई है और 852 घायल हुए हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि में 1085 हादसे हुए थे जिसमें 418 लोगों की मौत हुई थी और 738 घायल हुए थे। इसमें खीरी पहले पायदान पर और लखनऊ दूसरे पायदान पर है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। त्योहारों के बाद अब सहालग का दौर शुरू हो गया है। सड़कों पर लोगों का आवागमन बढ़ा है, कई दर्दनाक हादसों ने सबको झकझोर दिया है। सड़क का कानून सही से लागू नहीं हो पा रहा। लखीमपुर खीरी व लखनऊ के हालात बेहद खराब हैं। खीरी में तो 57 प्रतिशत दुर्घटनाएं बढ़ी हैं, जबकि लखनऊ 122 संख्या के हिसाब से दूसरे पायदान पर है। वहीं, 115 के साथ तीसरे नंबर पर आगरा है।
इसकी वजह, मौका पाते ही लोग वाहन को रफ्तार पकड़ाने का कोई अवसर गंवाते नहीं। 1090 चौराहा, पॉलीटेक्निक चौराहे, अवध चौराहा निकट पिकेडली व सीतापुर रोड, कमता, कैसरबाग जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी हादसे हो रहे हैं। राजधानी में ट्रैफिक सिस्टम प्रभावी होने के बाद भी घटनाएं नहीं रुक रही हैं। जनवरी से सितंबर तक नौ माह में ही 1207 घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि में 1085 हादसे हुए थे। उस हिसाब से 122 घटनाएं अधिक हुई हैं।
इसी वजह से मृतकों की संख्या गत वर्ष 418 से बढ़कर 421 व घायलों का आंकड़ा 738 से उछलकर 852 हो चुका है। दो बार चले सड़क सुरक्षा पखवाड़े में परिवहन व अन्य विभागों ने मिलकर ब्लैक स्पॉट स्थल पर सड़क दुरुस्त करने का निर्णय लिया। विभिन्न विभागों के करीब 30 से अधिक ब्लैक स्पॉट जगह-जगह मिले हैं। ऐसा ही हाल अन्य जिलों का भी है। परिवहन विभाग की सड़क सुरक्षा इकाई ने आंकड़े जारी किए हैं। उसके अनुसार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस अवधि में 189 घटनाएं बढ़ी हैं।
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ब्लैक स्पॉट बन रहा मुख्य वजह
मृतकों व घायलों की संख्या का ग्राफ ऊंचा होता जा रहा है। प्रदेश में जनवरी से सितंबर तक 32,873 दुर्घटनाएं हुईं। इसी अवधि में 2023 में 32,684 हुई थीं। आश्चर्यजनक रूप से मृतकों की संख्या में गिरावट आई है। पिछले वर्ष 17,403 मौतें हुई थी, इस वर्ष घटकर 17,162 रह गई हैं। हादसों में पिछले वर्ष 22,866 से बढ़कर इस वर्ष 24,760 लोग घायल हुए हैं।
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