Move to Jagran APP

UP News: हादसों में लखीमपुर खीरी सबसे आगे, लखनऊ का दूसरा स्थान; जानिए क्या है वजह?

उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों का कहर जारी है। जनवरी से सितंबर तक 1207 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें 421 लोगों की मौत हो गई है और 852 घायल हुए हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि में 1085 हादसे हुए थे जिसमें 418 लोगों की मौत हुई थी और 738 घायल हुए थे। इसमें खीरी पहले पायदान पर और लखनऊ दूसरे पायदान पर है।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Wed, 13 Nov 2024 03:13 PM (IST)
Hero Image
यूपी में हादसों के मामले में लखीपुर खीरी जिला पहले पायदान पर है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। त्योहारों के बाद अब सहालग का दौर शुरू हो गया है। सड़कों पर लोगों का आवागमन बढ़ा है, कई दर्दनाक हादसों ने सबको झकझोर दिया है। सड़क का कानून सही से लागू नहीं हो पा रहा। लखीमपुर खीरी व लखनऊ के हालात बेहद खराब हैं। खीरी में तो 57 प्रतिशत दुर्घटनाएं बढ़ी हैं, जबकि लखनऊ 122 संख्या के हिसाब से दूसरे पायदान पर है। वहीं, 115 के साथ तीसरे नंबर पर आगरा है।

इसकी वजह, मौका पाते ही लोग वाहन को रफ्तार पकड़ाने का कोई अवसर गंवाते नहीं। 1090 चौराहा, पॉलीटेक्निक चौराहे, अवध चौराहा निकट पिकेडली व सीतापुर रोड, कमता, कैसरबाग जैसे भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी हादसे हो रहे हैं। राजधानी में ट्रैफिक सिस्टम प्रभावी होने के बाद भी घटनाएं नहीं रुक रही हैं। जनवरी से सितंबर तक नौ माह में ही 1207 घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि में 1085 हादसे हुए थे। उस हिसाब से 122 घटनाएं अधिक हुई हैं।

इसी वजह से मृतकों की संख्या गत वर्ष 418 से बढ़कर 421 व घायलों का आंकड़ा 738 से उछलकर 852 हो चुका है। दो बार चले सड़क सुरक्षा पखवाड़े में परिवहन व अन्य विभागों ने मिलकर ब्लैक स्पॉट स्थल पर सड़क दुरुस्त करने का निर्णय लिया। विभिन्न विभागों के करीब 30 से अधिक ब्लैक स्पॉट जगह-जगह मिले हैं। ऐसा ही हाल अन्य जिलों का भी है। परिवहन विभाग की सड़क सुरक्षा इकाई ने आंकड़े जारी किए हैं। उसके अनुसार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस अवधि में 189 घटनाएं बढ़ी हैं।

इसे भी पढ़ें- Fatehpur Bus Accident: फतेहपुर में भीषण हादसा, बारातियों से भरी बस खड़े ट्रेलर से टकराई; तीन लोगों की मौत

ब्लैक स्पॉट बन रहा मुख्य वजह

मृतकों व घायलों की संख्या का ग्राफ ऊंचा होता जा रहा है। प्रदेश में जनवरी से सितंबर तक 32,873 दुर्घटनाएं हुईं। इसी अवधि में 2023 में 32,684 हुई थीं। आश्चर्यजनक रूप से मृतकों की संख्या में गिरावट आई है। पिछले वर्ष 17,403 मौतें हुई थी, इस वर्ष घटकर 17,162 रह गई हैं। हादसों में पिछले वर्ष 22,866 से बढ़कर इस वर्ष 24,760 लोग घायल हुए हैं।

शहरों व जिलों में कहीं घटे, कहीं बढ़े हादसे

सड़क दुर्घटनाओं में शहरों व जिलों की तस्वीर मिली-जुली है। गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, कुशीनगर, अलीगढ़ आदि में घटनाओं में कमी आई है, जिलों में बलरामपुर, श्रावस्ती आदि में घटनाओं पर अंकुश लगा है। वहीं, अमेठी, उन्नाव, बाराबंकी, गोंडा, सुलतानपुर आदि में घटनाएं बढ़ी हैं।

ओवरऑल मौतों की संख्या घटी है। छह जिलों में अधिक सड़क सुरक्षा के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। जनवरी से सितंबर तक के आंकड़ों में ओवरऑल मौतों की संख्या में कमी भी आई है। पिछले वर्ष की अपेक्षा 241 लोगों का जीवन बचा है। लखीमपुर खीरी में 89, आंबेडकर नगर में 51, मऊ में 20.8, बिजनौर में 18, शामली में 17.3 व उन्नाव में 16.1 प्रतिशत मौतों की संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा बढ़ी है। अन्यथा मृतकों की संख्या कुछ और होती। उत्साहजनक तस्वीर फतेहपुर, कानपुर आदि ने दिखाई है।

प्रतिशत में ऐसे समझें

2023 व 2024 की तुलना में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने का प्रतिशत 0.6 यानी 189 घटनाएं बढ़ी हैं। हादसों में मृतकों की संख्या -1.4 प्रतिशत घटकर पिछले वर्ष की अपेक्षा 241 कम हुई है। वहीं, दुर्घटनाओं में घायलों की संख्या जरूर 8.3 प्रतिशत 1894 बढ़ गई है।

सड़क सुरक्षा व प्रवर्तन के अपर आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि पिछले की अपेक्षा सड़क दुर्घटनाएं कम भले नहीं हुई, लेकिन बढ़ोतरी अधिक नहीं है। मौतों की संख्या में गिरावट आना राहत देने वाला है। सभी जागरूक होकर सामूहिक प्रयास करेंगे तो अच्छे परिणाम दिखेंगे। लखनऊ में सुधार के लिए गंभीरता से कार्य होगा।

इसे भी पढ़ें- Dehradun Car Accident: 13 दिन पहले खरीदी थी कार, क्‍या पता था बन जाएगी छह दोस्तों का ''काल''?

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।