यूपी में 52 हजार राज्यकर्मियों का लटकेगा वेतन, लिस्ट में पुलिस से लेकर औद्योगिक विभाग के कार्मचारी हैं शामिल
UP News उत्तर प्रदेश सरकार के लगभग 52 हजार कर्मचारियों का सितंबर महीने का वेतन रुक सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन कर्मचारियों ने अभी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर नहीं दिया है। सरकार ने कड़े निर्देश दिए हैं कि जो कर्मचारी 30 सितंबर तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे उन्हें वेतन नहीं मिलेगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद लगभग 52 हजार राज्यकर्मियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा अब तक नहीं दिया है। मानव संपदा पोर्टल पर सोमवार को भी जानकारी न देने वाले कार्मिकों को सितंबर का वेतन नहीं मिलेगा। ऐसे सभी राज्यकर्मियों को तभी वेतन मिलेगा जब वे अपनी संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर दे देंगे।
उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत प्रदेश के सभी श्रेणियों के 8,36,571 राज्यकर्मियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा अब मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से देना है। वैसे तो नियमानुसार पिछले वर्ष 2023 की संपत्ति का ब्योरा इस वर्ष 31 जनवरी तक दे देना था लेकिन कार्मिक विभाग के तमाम आदेशों के बाद भी ज्यादातर कार्मिकों ने संपत्ति नहीं बताई।
74 प्रतिशत कर्मचारियों ने बताई थी अपनी संपत्ति
ऐसे में पिछले माह सरकार ने संपत्ति न बताने वाले राज्यकर्मियों का जब अगस्त का वेतन रोकने का निर्णय किया तब कहीं 74 प्रतिशत ने अपनी संपत्ति बताई। 31 अगस्त तक संपत्ति न बताने वाले 26 प्रतिशत राज्यकर्मियों को 30 सितंबर तक का एक और अंतिम मौका देते हुए अगस्त का वेतन तो दे दिया लेकिन इनमें भी छह प्रतिशत ने अब तक अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है।वैसे तो संपत्ति की जानकारी देने के लिए अभी सोमवार का दिन और बचा है लेकिन अब तक की स्थिति यह है कि लगभग 94 प्रतिशत यानी 7,83,901 राज्यकर्मियों ने अपना ब्योरा पोर्टल पर दे दिया है। शेष तकरीबन 52 हजार राज्यकर्मियों ने अब तक अपनी संपत्ति के बारे में नहीं बताया है।
अगर इन कार्मिकों ने सोमवार को भी ब्योरा नहीं दिया तो उनका सितंबर का वेतन लटक जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार भी अब इन कार्मिकों को किसी तरह की मोहलत नहीं देने वाली। अब जब तक कार्मिकों द्वारा संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर नहीं दिया जाएगा तब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। कार्मिकों के साथ ही संबंधित डीडीओ भी वेतन नहीं ले सकेगा।
अधिकारी भी दिखा रहे सुस्ती
गौर करने की बात तो यह है कि इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से स्पष्ट आदेश होने के बावजूद राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारी ही अपनी चल-अचल संपत्ति बताने में हीला-हवाली कर रहे हैं। स्थिति यह है कि प्रथम व द्वितीय श्रेणी के 7,397 अधिकारियों ने अभी अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। इसी तरह तृतीय श्रेणी में आने वाले 33 हजार से ज्यादा लिपिक(बाबू) आदि ने भी संपत्ति नहीं बताई है।
हालांकि, इसी श्रेणी में आने वाले 3.17 लाख पुलिसकर्मियों में से लगभग 3.15 लाख ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है। सबसे कम चतुर्थ श्रेणी के लगभग 10 हजार अनुसेवक, चालक, माली, सफाईकर्मियों आदि हैं जिन्हें संपत्ति का ब्योरा देना है। सूत्र बताते हैं कि बेसिक व तकनीकी शिक्षा, सहकारिता, औद्योगिक विकास, राजस्व, समाज कल्याण, स्टांप, नगर विकास आदि के अभी 10 प्रतिशत से ज्यादा कार्मिकों ने संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है।
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