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यूपी के स्कूलों में बदल गए हैं नियम, शिक्षकों का वेतन कटने तक की आई नौबत; हर महीने DIOS के पास जाएगी रिपोर्ट

यूपी के स्कूलों में नियम बदल गए हैं। शिक्षकों के लिए आनलाइन उपस्थिति अनिवार्य हो गई है। माध्यमिक स्कूलों में आनलाइन उपस्थिति नहीं होने पर सैलरी काटी जाएगी। शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अब बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाएं। प्रधानाचार्य हर महीने बायोमीट्रिक उपस्थिति का ब्योरा डीआइओएस कार्यालय भेजेंगे। हालांकि शिक्षक इसका लगातार बहिष्कार कर रहे हैं ।

By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 13 Jul 2024 02:40 PM (IST)
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स्कूल में पढ़ाती हुई शिक्षिका - प्रतीकात्मक फोटो।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने अगर अब बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं की तो उनका वेतन कटेगा। अभी तक यह व्यवस्था लागू होने के बावजूद मनमाने ढंग से हाजिरी दर्ज की जा रही थी। उनका वेतन भी नहीं काटा जा रहा था लेकिन अब सख्ती की जाएगी। उनका वेतन बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के आनलाइन उपस्थिति के बहिष्कार के बीच अब माध्यमिक स्कूलों में सख्ती शुरू कर दी गई है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकाें (डीआइओएस) को निर्देश दिए गए हैं कि वह शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन अब बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही बनाएं। प्रधानाचार्य हर महीने बायोमीट्रिक उपस्थिति का ब्योरा डीआइओएस कार्यालय भेजेंगे और उसी आधार पर वेतन बनेगा। जितने दिन की उपस्थिति नहीं होगी उतने दिन का वेतन काट दिया जाएगा।

18 अगस्त वर्ष 2022 को यह व्यवस्था राजकीय माध्यमिक स्कूलों में लागू की गई थी लेकिन शिक्षक व कर्मचारी इस आदेश का मनमाने ढंग से पालन कर रहे हैं। तमाम विद्यालयों में तो बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए लगाई गई मशीन भी खराब है। फिलहाल अब उन्हें इस व्यवस्था का पालन करना ही होगा। उधर दूसरी ओर परिषदीय स्कूलों में बीते आठ जुलाई से यह व्यवस्था लागू की गई है लेकिन शिक्षक इसका लगातार बहिष्कार कर रहे हैं।

छह लाख परिषदीय शिक्षकों में से मात्र 588 ने लगाई उपस्थिति

परिषदीय स्कूलों में शिक्षक आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें उपस्थिति दर्ज कने के लिए आधा घंटे की छूट और तकनीकी गड़बड़ी होने पर स्कूल समय में कभी भी हाजिरी लगाने की सहूलियत दिए जाने के बावजूद वह विरोध कर रहे हैं। शनिवार को छह लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों में से केवल 588 ने ही आनलाइन उपस्थिति दर्ज की।

उधर, फतेहपुर से सपा सांसद नरेश चंद्र उत्तम पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को 25 अर्द्ध आकस्मिक अवकाश, 18 आकस्मिक अवकाश, 30 अर्जित अवकाश और 15 वर्ष में प्रोन्नति की सुविधा देने की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षकों के साथ अन्याय न किया जाए।

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