Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सपा विधानमंडल दल की बैठक आज, अखिलेश कर सकते हैं नेता प्रतिपक्ष की घोषणा; शिवपाल समेत कई दिग्गज दौड़ में शामिल

29 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल के मॉनसून सत्र में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की घोषणा कर सकते हैं। इसे लिए सपा मुखिया ने सभी विधायकों व एमएलसी की बैठक बुलाई है। आज की बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति भी बनेगी। ट्रकों से अवैध वसूली का मामला में विधानमंडल में उठाया जा सकता है।

By Shobhit Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 28 Jul 2024 07:58 AM (IST)
Hero Image
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सोमवार से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में समाजवादी पार्टी कई मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरेगी। सत्र से पहले सपा विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक रविवार को सुबह सपा के प्रदेश कार्यालय में बुलायी गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायकों और एमएलसी के साथ उन मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनको लेकर सरकार को घेरा जाएगा।

सपा मुखिया रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी घोषणा कर सकते हैं। उनके विधानसभा से त्यागपत्र देने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद अभी रिक्त चल रहा है। विधान परिषद में लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में तूफानी सरोज, इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर के अलावा अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव शामिल हैं।

मॉनसून सत्र को लेकर सपा विधानमंडल दल की बैठक में अखिलेश अपने विधायकों को ऐसे मुद्दे बताएंगे जिन पर सरकार को घेरा जा सकता है। बलिया में ट्रकों से वसूली के मामले पर सपा भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी सदन में उठा सकती है।

अखिलेश को ज्ञापन सौंपा

उत्तर प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ ने राज्य मुख्यालय में शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनको ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि वर्ष 2016 में आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत सीएचओ के पद का सृजन किया गया था।

आयुष्मान भारत की नियमावली में स्पष्ट लिखा था कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के कैडर निर्माण कर 4800 ग्रेड-पे निर्धारित कर छह साल पूर्ण करने पर नियमितीकरण किया जाएगा। भारत में इसका न्यूनतम वेतन 25 हजार और 15,000 कार्य प्रोत्साहन राशि रखने का नियम बना था। उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही पांच हजार रुपये न्यूनतम वेतन दे रही है। यह बिहार और राजस्थान से भी कम है।

इसे भी पढ़ें: UP News: 30 जुलाई को अनुपूरक बजट पेश करेगी यूपी सरकार, बसों की खरीद के लिए मिल सकती है धनराशि

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर