अखिलेश यादव और आजम खां का लोकसभा से इस्तीफा, सपा की विधानसभा में मजबूत विपक्ष देने की तैयारी
Samajwadi Party President Akhilesh Yadav अखिलेश यादव के करहल से जीत के बाद अब उनका समाजवादी पार्टी विधायक दल का नेता भी चुना जाना तय है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देने के लिए भी मौजूद रहेंगे।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Wed, 23 Mar 2022 07:00 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तमाम कयासों के विपरीत काम किया है। आज उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही आजम खां ने भी रामपुर लोकसभा सीट छोड़ दी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मंगलवार दोपहर लोकसभा पहुंचे, यहां उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
आजमगढ़ तथा रामपुर को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। अब आजमगढ़ के साथ रामपुर में लोकसभा का उप चुनाव होगा। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के पांच में से दो सांसदों के इस्तीफा देने के बाद लोकसभा में उनका संख्या बल कम हो जाएगा। अखिलेश तथा आजम खां के इस्तीफा दे देने के बाद अब 2024 से पहले उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ तथा रामपुर में लोकसभा के उप चुनाव होंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। वह अब 26 मार्च को होने वाली समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में निर्विरोध नेता चुने जाएंगे। इसके साथ ही विधानसभा में भी वह भाजपा को कड़ी चुनौती पेश करेंगे। माना जा रहा है कि विधान परिषद के चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिलेगी, ऐसे में अखिलेश यादव और आजम खां के इस कदम से समाजवादी पार्टी को विधानसभा में मजबूती मिलेगी। अखिलेश यादव ने यह फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं के अलावा समाज के अलग-अलग लोगों से मिलकर उनकी राय से लिया है। अब सीधे तौर अखिलेश यादव विधानसभा के साथ-साथ सड़क पर भी जनता की आवाज खुलकर उठा सकते हैं।
अखिलेश अब करहल विधानसभा से सदस्य बने रहेंगे। अखिलेश यादव विधान सभा का सदस्य रहते हुए विपक्ष की भूमिका मजबूती से निभाएंगे।अखिलेश यादव ने पहली बार यूपी विधानसभा चुनाव में करहल सीट से किस्मत आजमाई थी। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को 67 हजार 504 वोट के अंतर से शिकस्त दी थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहली बार सदस्य बने अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल से विधानसभा का चुनाव जीता था। अब विधानसभा में अखिलेश यादव तो योगी आदित्यनाथ के सामने रहेंगे। राम गोविंद चौधरी के चुनाव हारने के बाद समाजवादी पार्टी को विधानसभा में मजबूत नेता की तलाश थी। अखिलेश यादव इसके लिए खुद ही योगी आदित्यनाथ के सामने आ गए हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सीट ना मिलने पर लग रहा थ कि अखिलेश यादव करहल की सीट बरकरार रखेंगे।
अखिलेश यादव सांसदी छोड़ने के फैसले से पहले सोमवार को आजमगढ़ पहुंचे थे, जहां उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। आजमगढ़ या करहल की सीट के छोड़ने के सवाल पर यहां पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि यह पार्टी नेताओं के साथ बैठक करके तय किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने मीडिया से ही सवाल कर लिया था कि आप बताइए मैं क्या करूं?’ उन्होंने कहा था कि नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी राय बता दी, अब आगे का फैसला पार्टी तय करेगी। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ ही पार्टी के संस्थापक सीतापुर जेल में बंद आजम खां ने भी रामपुर के लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह भी विधायक बने रहेंगे।
आजम खां का रामपुर में काफी दबदबा है। वह दसवीं बार विधायक चुने गए हैं। रामपुर से लोकसभा का चुनाव भी जीत चुके आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां भी रामपुर के स्वार से विधायक हैं, जबकि पत्नी डा. तजीन फात्मा पहले राज्य सभा सदस्य थीं। इसके बाद आजम खां के लोकसभा का सदस्य चुने जाने के बाद वह रामपुर शहर से विधायक बनीं। अब आजम खां उनको लोकसभा के उप चुनाव में भी उतार सकते हैं। यह भी पढ़ें:उत्तर प्रदेश की राजनीति पर अब रहेगा अखिलेश यादव का फोकस, सरकार से भी जोरदार भिड़ंत को तैयार
यह भी पढ़ें:विधायक बनने के बाद आजम खां का तो तय था फैसला, छोड़ दी रामपुर लोकसभा सीट
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।