संभल हिंसा पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने सरकार पर फोड़ा ठीकरा; अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट से की संज्ञान लेने की मांग
संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा के लिए विपक्ष ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की मांग की है। बसपा अध्यक्ष मायावती और कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि उसका न्यायपालिका में विश्वास नहीं है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। (Sambhal Jama Masjid Case) संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा व आगजनी के लिए विपक्ष ने सरकार को दोषी ठहराया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि उपचुनाव में वोटों की लूट से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार ने संभल में बवाल करा दिया है।
उन्होंने सवाल किया कि जब एक बार मस्जिद का सर्वेक्षण हो चुका था तो दोबारा इसकी क्या जरूरत थी? संभल में हुए बवाल को लेकर उन्होंने सरकार व पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करके सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की मांग की है।
उन्होंने लिखा है कि जो लोग मौके पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से नारेबाजी करने वाले लोगों को साथ लेकर गए थे, उनके विरुद्ध शांति व सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही बार एसोसिएशन भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करे।बसपा अध्यक्ष मायावती ने संभल में हुए बवाल पर कहा कि सर्वे के दौरान जो हुआ उसके लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है।
संभल में दोनों पक्षों को साथ में लेकर यह कार्य शांतिमय ढंग से किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। उन्होंने संभल के लोगों से शांति व्यवस्था बनाने रखने की अपील की है।
कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने संभल की घटना पर कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति फैला रही है। संभल की जामा मस्जिद में जानबूझकर सर्वेक्षण के लिए टीम भेजी गई, जिससे लोगों में गुस्सा व नफरत फैले।
प्रदेश में आए दिन हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद ही बटेंगे तो कटेंगे जैसे बयान दे रहे हैं तो फिर प्रदेश में शांति का माहौल कैसे हो सकता है, यह पूरी तरीके से सुनियोजित प्रकरण है। उन्होंने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाया और घटना की जांच करा कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
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