लखनऊ नगर निगम के अहाना एन्क्लेव का सैंपल फ्लैट तैयार-पंजीकरण शुरू, जानिए क्या होगी कीमत
नगर आयुक्त ने शनिवार को अपर नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों के साथ अहाना एन्क्लेव में चल रहे कार्यों के साथ ही सैंपल फ्लैट को भी देखा। उन्होंने बताया कि फ्लैट के क्षेत्रफल और वहां दी गई सुविधाओं के हिसाब से उनकी कीमत कम रखी गई है।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Sun, 20 Feb 2022 09:57 AM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। शहीद पथ के पास औरंगाबाद खालसा में निर्माणाधीन नगर निगम की आवासीय योजना 'अहाना एन्क्लेव' का सैंपल फ्लैट तैयार हो गया है, जिसे कोई भी देख सकता है। नगर निगम अप्रैल में फिर से अपनी इस आवासीय योजना का पंजीकरण खोलेगा। यहां चालीस लाख से सत्तर लाख कीमत तक के फ्लैट नगर निगम ने बनाए हैं। गरीब वर्गों के लिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैट बनाए गए हैं, जिसकी कीमत 17 लाख रखी गई है।
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने शनिवार को अपर नगर आयुक्त अभय कुमार पांडेय व अन्य अधिकारियों के साथ अहाना एन्क्लेव में चल रहे कार्यों के साथ ही सैंपल फ्लैट को भी देखा। उन्होंने बताया कि फ्लैट के क्षेत्रफल और वहां दी गई सुविधाओं के हिसाब से उनकी कीमत कम रखी गई है। तेजी से बनाए जा रहे फ्लैटों के लिए अप्रैल में पंजीकरण फिर से खोले जाएंगे। अधिक पंजीकरण आने पर लाटरी होगी। उन्होंने बताया कि मुख्य प्रवेश द्वार के आसपास स्थित भूमि से सामान हटाकर लैंड स्कैपिंग कराई जाएगी और आवासीय योजना के लिए एसटीपी की डिजाइन तैयार होगी।
वास्तुविद पर एक लाख का जुर्माना, ठेकेदार को नोटिस : बाहरी विकास करने में लापरवाही बरतने पर वास्तुविद पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि लैंड स्कैपिंग, विद्युतीकरण की ड्राइंग समय से न प्रस्तुत करने और पूर्व निर्देशों के बाद भी कार्य स्थल पर कार्यालय स्थापित न करने पर वास्तुविद पर एक लाख का अर्थदंड लगाया गया है। उन्हें कार्यस्थल पर लैब स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए।
नगर आयुक्त ने वास्तुविद द्वारा समय से ड्राइंग इत्यादि उपलब्ध न कराए जाने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि वास्तुविद फर्म द्वारा पर्याप्त समय न देने अथवा कार्यों में रुचि न लेने पर अनुबंध समाप्त किया जाए। अन्य पंजीकृत वास्तुविद फर्मों से कार्य कराने एवं उनके पारिश्रमिक को वास्तुविद फर्म के भुगतान से काटने के भी निर्देश दिए। बाउंड्रीवाल का निर्माण न करने पर एक ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस और दूसरे पर बीस हजार का अर्थदंड लगाया गया है।
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