दैनिक जागरण का संवादी 16-17 नवंबर को लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित होगा जहां विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ और जाने-माने हस्तियां अपने विचार साझा करेंगी। पहले दिन साहित्य वक्फ विवाद रजवाड़ों की विरासत और रोमांस पर चर्चाएं होंगी जबकि दूसरे दिन संविधान आरक्षण और भारत की बात जैसे विषयों पर विचार विमर्श होगा। 17 नवंबर को भगवती चरण वर्मा की कहानी प्रायश्चित पर रूपाली चंद्रा की हास्य प्रस्तुति भी होगी।
जागरण संवाददाता, लखनऊ
। आप भूले तो नहीं होंगे अभिव्यक्ति के इस उत्सव को। हर वर्ष की भांति इस बार भी संवाद का सतरंगी मेला
दैनिक जागरण संवादी
16 नवंबर से सजने जा रहा है। आयोजन स्थल है- लखनऊ विश्वविद्यालय का मालवीय सभागार। दो दिवसीय इस उत्सव में हर दिन कई सत्र होंगे। इसमें विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ विमर्श करेंगे। अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों को सुनने और उनसे मिलने का यह सुअवसर जाने न दीजिएगा।
संवादी में प्रवेश निश्शुल्क है।
पहले दिन 16 दिसंबर को दोपहर 12:30 बजे से संवादी का उद्घाटन सत्र शुरू होगा। इसमें हमारे अतिथि होंगे लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय। उनसे दैनिक जागरण के राज्य संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल संवाद करेंगे।
दोपहर एक बजे से दो बजे तक प्रथम सत्र में
नेहरू से मोदी युग का साहित्य
पर प्रकाश डालेंगे आलोचक प्रो. सुधीश पचौरी, लेखक प्रो. उदय प्रताप सिंह व लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. पवन अग्रवाल। इनसे अनंत विजय संवाद करेंगे।
दोपहर दो से 2.30 बजे तक द्वितीय सत्र
जागरण ज्ञानवृत्ति
चलेगा। इसमें लेखिका नाइश हसन से उनकी पुस्तक मुताह पर चर्चा की जाएगी। साथ ही निर्मल पांडेय
हिंदुत्व का राष्ट्रीयकरण
पर विचार साझा करेंगे। तीसरा सत्र
जागरण बेस्टसेलर
दोपहर 2:30 से 3:30 बजे तक चलेगा। इसमें लेखक उदय माहूरकर, लेखक विजय मनोहर तिवारी व लेखिका अमि गणात्रा के साथ नवीन चौधरी विमर्श करेंगे। आजकल वक्फ चर्चा में है।
2023 में जागरण संवादी में बोलतीं पद्मश्री मालिनी अवस्थी, साथ में उपस्थित शेखर सेन, मिथिलेशनंदिनि शरण व रवि प्रकाश टेकचंदानी। जागरण
हमारा चौथा सत्र
वक्फ पर विवाद क्यों
इसी पर केंद्रित है। इसमें दोपहर 3:30 से 4:30 बजे तक वक्फ पर जेपीसी के चेयरमैन व सांसद जगदंबिका पाल विषय पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे। पांचवें सत्र में शाम 4:30 से 5:30 बजे तक
रजवाड़ों की विरासत
पर बातें होंगी।
इसमें दरभंगा के युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह, अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र, बालानिसोर और गुजरात की आलिया बाबी के साथ प्रशांत कश्यप रोचक बातें करेंगे। छठे सत्र की चर्चा
राष्ट्र निर्माण के सौ वर्ष
पर केंद्रित होगी। इसमें शाम 5:30 से 6:15 बजे तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर के साथ दैनिक जागरण के राज्य संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल बात करेंगे।
पहले दिन का अंतिम सत्र में
रोमांस का राजा
पर दिलचस्प बातें करने के लिए उपस्थित होंगे राज कपूर, लता और गुलजार के जीवनी लेखक यतीन्द्र मिश्र, संगीत विशेषज्ञ यूनुस खान और गायक पंकज कुमार। यह परिचर्चा शाम 6:30 बजे से शुरू होकर रात आठ बजे तक चलेगी।
दूसरे दिन
भारत की बात
संग
संविधान और आरक्षण
पर संवाद
संवादी के दूसरे दिन का पहला सत्र
ओपन माइक
सुबह 11 बजे से शुरू हो जाएगा। इसमें कई कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। दूसरा सत्र दोपहर 12 बजे से एक बजे तक आयोजित होगा। इसमें
भारत की बात
करेंगे लेखिका अमी गणात्रा, लेखक अरुण आनंद के साथ वरिष्ठ स्तंभकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी। तीसरे सत्र में दोपहर एक से दो बजे तक
साहित्य में बंटवारा क्यों
पर विमर्श किया जाएगा।
इसमें उपन्यासकार प्रो. गरिमा श्रीवास्तव, कवि तजेन्द्र सिंह लूथरा, उपन्यासकार रत्नेश्वर सिंह व कहानीकार सबाहत आफरीन के साथ सुनील विपुल परिचर्चा करेंगे। चौथे सत्र में दोपहर दो से तीन बजे तक
एक रहोगे नेक रहोगे
पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सिद्धार्थ यादव अपनी-अपनी बातें रखेंगे।
दैनिग जागरण संवादी 2023 पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
दोपहर तीन बजे से पांचवां सत्र शुरू होगा। इसमें फिल्मकार मुजफ्फर अली, लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी व मंजरी चतुर्वेदी के आत्म प्रकाश मिश्र
लखनऊ सबरंग
पर ज्ञानवर्धक बातें करेंगे। छठे सत्र
संविधान और आरक्षण
में शाम चार से पांच बजे तक संविधान विशेषज्ञ अश्विनी उपाध्याय, दलित चिंतक प्रो. विवेक कुमार और शिक्षक धीरेन्द्र दोहरे बातचीत करेंगे। शाम पांच से 5:45 बजे तक सातवां सत्र चलेगा। इसमें फिल्म निर्माता व निर्देशक राहुल रवैल सिनेमाई दुनिया के रोचक किस्से साझा करेंगे। शाम छह बजे से फिल्म जगत हस्ती आपके बीच होंगी।
रोचक होगा
प्रायश्चित
का मंचन
दूसरे दिन 17 नवंबर को शाम 5:45 से 6:15 बजे के बीच रंगकर्मी रूपाली चंद्रा भगवती चरण वर्मा की कहानी
प्रायश्चित
पर एकल प्रस्तुति देंगी। हास्य से परिपूर्ण इस कहानी का मंचन अत्यंत रोचक होगा। इसकी कहानी एक मध्यम वर्गीय परिवार की है, जिसमें एक बिल्ली ने घर की नई बहू को परेशान कर रखा है। बहू मौका देख बिल्ली को भारी पट्टा दे मारती हैं और बिल्ली वहीं ढेर हो जाती है। फिर इस अपशकुन से बचने के लिए जो कुछ होगा, उसका मंचन हंसा-हंसाकर लोट-पोट करा देगा।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।