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UP News: सभी जिलों में जाकर पीड़ितों की सुनवाई करेगा एससी-एसटी आयोग, पदाधिकारियों ने ली शपथ

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग से जुड़े मामलों में न्याय पाने के लिए पीड़ितों को लखनऊ के चक्कर न काटना पड़े इसके लिए आयोग के पदाधिकारी हर जिलों का दौरा करके पीड़ितों को न्याय दिलाएंगे जिन पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला है संवैधानिक रूप से उनकी सहायता की जाएगी।आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने भागीदारी भवन में शपथ ग्रहण करने के बाद यह बात कही।

By Nishant Yadav Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 03 Oct 2024 01:33 PM (IST)
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नवगठित उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग से जुड़े मामलों में न्याय पाने के लिए पीड़ितों को लखनऊ के चक्कर न काटना पड़े, इसके लिए आयोग के पदाधिकारी हर जिलों का दौरा करके पीड़ितों को न्याय दिलाएंगे जिन पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला है, संवैधानिक रूप से उनकी सहायता की जाएगी।

नवगठित उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने भागीदारी भवन में शपथ ग्रहण करने के बाद यह बात कही। उनके साथ आयोग के उपाध्यक्ष बेचन राम व जीत सिंह खरवार के अलावा 16 में से 13 सदस्याें को समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने शपथ दिलायी।

अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने कहा कि सीएम योगी  और भाजपा संगठन ने प्रदेश के 20 नाम आयोग के पदाधिकारी और सदस्य के लिए चयनित किए हैं। दिन रात मेहनत करके उस कसौटी पर उतरना हमारा उत्तरदायित्व है। व्यक्ति की सफलता ही उसके उत्तरदायित्व का प्रमाण बनेगी। 

'न आरक्षण खतरे में रहा है और न ही संविधान'

आरक्षण और संविधान पर खतरे को लेकर विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए बेचन राम ने कहा कि न आरक्षण खतरे में रहा है और न ही संविधान। न संविधान बदला जाएगा और न ही आरक्षण खत्म किया जाएगा। वह विपक्ष की राजनीतिक पीड़ा है। आंकड़े बताते हैं जब विपक्ष की सरकार थी तो एससी एसटी का उत्पीड़न सबसे अधिक हुआ है। जब से मोदी जी और योगी जी आएं हैं, तब से अनुसूचित जाति पर उत्पीड़न की घटनाएं कम हुई हैं।

पहले अपराध होते थे तो कार्रवाई नहीं होती थी और अपराधी बचाए जाते थे। आज अपराध होता है तो तत्काल मौके पर उसको सजा मिल जाती है। त्वरित मुकदमा चलाकर पीड़ित को न्याय और अपराधी को दंड मिलता है। विपक्ष को राष्ट्रवाद से कोई मतलब नहीं है। वह समान नागरिक संहिता और धारा 370 का भी विरोध करते हैँ। इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सामाजिक न्याय की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए आयोग का बहुत महत्व है। कहीं कोई अन्याय हो रहा हो तो उस पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने का दायित्व आयेाग का होता है।

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