दिल ही नहीं है पैंक्रियाज का भी दुश्मन साबित हो सकता है फैट, एसजीपीजीआई ने खोजा पैंक्रियाटाइटिस का नया कारण
दिल के लिए खतरनाक माना जाने वाला ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है जो पैंक्रियाज का भी दुश्मन साबित हो सकता है। नार्थ इंडिया का ऐसा पहला मामला संजय गांधी पीजीआइ में देखने को मिला है। एसजीपीजीआइ में पीड़ित बच्ची का इलाज चला।
By Rafiya NazEdited By: Updated: Mon, 11 Oct 2021 02:18 PM (IST)
लखनऊ, [कुमार संजय]। दिल के लिए खतरनाक माना जाने वाला ट्राइग्लिसराइड एक तरह का फैट है, जो पैंक्रियाज का भी दुश्मन साबित हो सकता है। नार्थ इंडिया का ऐसा पहला मामला संजय गांधी पीजीआइ में देखने को मिला है। उड़ीसा की रहने वाली चार साल की बच्ची छह महीनों से बार -बार पेट में दर्द और उल्टी की परेशानी के साथ संजय गांधी पीजीआइ के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में पहुंची। तमाम परीक्षण में देखा गया कि पीलिया, पेट में चोट या नशीली दवाओं के सेवन का कोई इतिहास नहीं था। रक्त की जांच में बच्ची का ट्राइग्लिसराइड लेवल काफी बढ़ा हुआ था। एसजीपीजीआइ के डॉक्टरों का ये शोध को इंडियन जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक ने व्हाइट सीरम ए क्लू टू डायगनोस ऑफ एक्यूट रिकरेंट पैक्रिएटाइटिस विषय पर पब्लिश हो चुका है।
ये निकली जांच: रक्त की जांच में देखा गया कि सीरम का रंग सफेद था। जिसमें ट्राइग्लिसराइड (2451 मिलीग्राम / डीएल) और कुल कोलेस्ट्रॉल 343 मिलीग्राम / डीएल था। विशेषज्ञों ने पेट की कंप्यूटेड टोमोग्राफी(सीटी) जांच कराया। इसके पैंक्रियाज (अग्नाशय) में भारीपन, इंट्रा-पैरेन्काइमल द्रव जमा था लेकिन फैटी लीवर नहीं था। क्रोनिक पैक्रिएटाइटस दिखा जबकि माता-पिता का लिपिड प्रोफाइल सामान्य था।
क्या है ट्राइग्लिसराइड्स: ट्राइग्लिसराइड्स रक्त में मौजूद एक प्रकार का वसा होता है। ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। आनुवांशिक विरासत, चयापचय रोग (जैसे मधुमेह) और कुछ दवाओं के कारण रक्त ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ सकता है पैंक्रियाटाइटिस क्या हैक्रोनिक पैंक्रियाटाइिटस आपके अग्नाशय (पैंक्रियाज) में होने वाली सूजन है जो ग्रंथि (ग्लैंड) के खराब होने का कारण बनता है। इससे ग्रंथि (ग्लैंड) की स्थायी क्षति हो सकती है। इससे अग्नाशय में पथरी और अल्सर विकसित हो सकते हैं, जो आपकी आंत में पाचन रस को प्रवाहित करने वाली नली को बंद कर देते हैं। इससे आपके शरीर के लिए भोजन को पचाने और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में कठिनाई आती है। ऊपरी पेट में गंभीर दर्द होता है। इसका दर्द घंटों या दिनों तक भी रह सकता हैं। कुछ भी खाने या पीने से दर्द बढ़ जाता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, दर्द निरंतर बढ़ सकता है।
इन्होने किया शोध: पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग डा. अर्घ्य सामंता, डा. अंशू श्रीवास्तव, इंडोक्राइनोलॉजी विभाग से डा सोनाली वर्मा, पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग से डा. मोनिक सेन शर्मा और डा. उज्जवल पोद्दार के शोध को इंडियन जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक ने व्हाइट सीरम ए क्लू टू डायगनोस ऑफ एक्यूट रिकरेंट पैक्रिएटाइटिस विषय पर पब्लिश हो चुका है।ऐसे हुआ इलाज: बच्चे को मौखिक रूप भोजन बंद करने के साथ डेक्सट्रोज इंफ्यूजन के साथ एनाल्जेसिक और इंसुलिन इंफ्यूजन दिया गया था। दर्द के पूर्ण समाधान के साथ 72 घंटे के बाद सीरम टीजी घटकर 330 मिलीग्राम / डीएल हो गया। बच्चे को कम वसा वाले आहार पर शुरू किया गया । इंसुलिन बंद कर दिया गया था। हालांकि, इंसुलिन रोकने के तीसरे दिन टीजी (1108 मिलीग्राम/डेसीलीटर) में वृद्धि के साथ पेट दर्द की पुनरावृत्ति हुई। फिर दोबारा इंसुलिन इंफ्यूजन दिया गया तो यह 24 घंटे के भीतर दर्द के गायब होने और टीजी (24 घंटे में 885 मिलीग्राम / डीएल, 96 घंटे पर 354 मिलीग्राम / डीएल) में कमी आ गयी। इसके बाद बच्ची को लो फैट डाइट के साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड, फेनोफिब्रेट और नियासिन दिया गया।
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