Sheetla Devi Puja: मां शीतला देवी से हुई कोरोना मुक्ति की कामना, नारियल की बलि देकर किया पूजन
लखनऊ में सिंधी समाज ने मनाया थदड़ी पर्व लगाया बासी भोजन का भोग कोरोना मुक्ति की हुई कामना।
लखनऊ, जेएनएन। सिंधी समाज ने सोमवार को थदड़ी पर्व पर मां शीतला देवी की आराधना कर कोरोना से समाज को मुक्ति की कामना की। इस दिन सिंघी समाज द्वारा घर में आग नहीं जलाई जाती है। घर की बड़ी महिला ने नारियल की बलि देकर पूजन किया।
मां को बासी भोजन का भोग लगाया गया। उप्र सिंधी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद्र ने बताया कि एक दिन पहले रविवार को मीठी रोटी, पूड़ी, सब्जी, भिंडी की सब्जी के साथ ही सिंधी समाज का मुख्य पकवान कढ़ी को बना लिया जाता है। सुबह नारियल की बलि के साथ मां शीतला देवी को भाेग लगाने के बाद घर के लोग इसका सेवन करते हैं। सिंधी सभा अशोक मोतियानी , मुरलीधर आहूजा, संजय जैसवानी , श्याम किशनानी , मन्नू तेजवानी चेटी चंड मेला कमेटी के अशोक चांदवानी , वीरेंद्र खत्री , नीरज राजपाल , रतन मेघानी हंसराज पुनीत लाल चांदनी राजकुमार भागवानी, सतीश आडवाणी व नरेश भवनानी समेत समाज के लोगोें ने सभी से घरों में रहकर पूजन करने और मां शीतला देवी से कोरोना मुक्ति की कामना करने की अपील की ।
इसलिए मनाई
आलमबाग के समर विहार की रहने वाली मेघना ने बताया कि सिंधी समाज का थदड़ी पर्व पर ठंडा भोजन और मां से शीतलता की प्रार्थना के लिए मनाया जाता है। इस शब्द का सिंधी भाषा में अर्थ होता है ठंडी-शीतल। रक्षाबंधन के आठवें दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर मान्यता है कि मोहन जोदड़ो की खुदाई में मां शीतला देवी की प्रतिमा निकली थी। उन्हीं की आराधना में यह पर्व शुरू हुआ था। दैवीय आपदाओं से निपटने के लिए और बच्चों को चेचक जैसी बीमारी से मुक्त करने की कामना को लेकर यह पर्व मनाया जाने लगा। इस दिन गरम भोजन नहीं बनता।