शिक्षामित्रों को मानदेय बढ़ोतरी के साथ-साथ मिलेगा एक और तोहफा, मुख्यमंत्री योगी ने दिया भरोसा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों को शिक्षामित्रों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। शिक्षामित्रों की मांगों में मानदेय बढ़ोतरी मूल जनपद में वापसी आकस्मिक अवकाश बढ़ाना और मेडिकल सुविधा शामिल हैं। सरकार जल्द ही इस पर बैठक करेगी और विधानसभा उपचुनाव के बाद शिक्षामित्रों की मांगें पूरी हो सकती हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 1.48 लाख शिक्षामित्रों की मांगें पूरी करने को सरकार गंभीर है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह जल्द उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर योगी ने भाजपा के विधान परिषद सदस्यों श्रीचंद शर्मा, धर्मेन्द्र भारद्वाज और सुरेन्द्र चौधरी के साथ बैठक कर शिक्षामित्रों की मांगों पर चर्चा की। मानदेय बढ़ोतरी के साथ-साथ शिक्षामित्रों को मूल जनपद वापस का उपहार मिल सकता है।
10 हजार रुपये प्रति मिल रहा मानदेय
योगी ने कहा कि वह जल्द बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह और विभागीय अधिकारियों के साथ इस पर बैठक करेंगे। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला और महामंत्री सुशील यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षामित्रों की समस्याओं के निराकरण को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं। अभी शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये प्रति महीने मासिक मानदेय दिया जा रहा है और अब इसमें बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।वहीं, वर्ष 2014 में जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया था और फिर वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फिर उन्हें शिक्षामित्र पद पर वापस कर दिया गया। ऐसे शिक्षामित्र अब अपने मूल जनपद में वापसी की मांग कर रहे हैं।
वहीं, ऐसी महिला शिक्षामित्र जो शादी के बाद ससुराल से मायके वाले जिले के प्राइमरी स्कूल में नौकरी करने आती हैं उनके भी मूल जनपद में वापसी की मांग की जा रही है। ऐसे करीब 30 हजार शिक्षामित्र हैं। इसके अलावा, आकस्मिक अवकाश को 11 से बढ़ाकर 14 किए जाने और मेडिकल की सुविधा दिए जाने की भी मांग की जा रही है।
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने लोकभवन में प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री संजय प्रसाद से भी मुलाकात की। फिलहाल सरकार शिक्षामित्रों की मांगों को पूरी गंभीरता से ले रही है। विधानसभा उपचुनाव के बाद शिक्षामित्रों की मांगें पूरी हो सकती हैं।
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