Move to Jagran APP

UPPCL: यूपी में लगाए जा रहे स्‍मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, कंपनियों को नोटिस जारी

यूपी में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर हैरान करने वाली बात सामने आई है। ये स्‍मार्ट प्रीपेड मीटर तकनीकी जांच में फेल साबित हुए हैं। यूपी पावर कारपोरेशन की उच्च स्तरीय टीम ने स्मार्ट मीटर में गंभीर तकनीकी खामियां पकड़ी हैं और संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया है। प्रदेश में अबतक लगभग 2.75 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगे हैं जिनमें 90 प्रतिशत इन्हीं कंपनियों के हैं।

By Anand Mishra Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 07 Nov 2024 12:52 PM (IST)
Hero Image
यूपी में अब तक करीब 2.75 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगे हैं।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर तकनीकी जांच में फेल साबित हुए हैं। यूपी पावर कारपोरेशन की उच्च स्तरीय टीम ने स्मार्ट मीटर में गंभीर तकनीकी खामियां पकड़ी हैं और संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी किया है।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर को लेकर पूर्व में ही पावर कारपोरेशन को आगाह किया था।  पावर कारपोरेशन के निदेशक कामर्शियल निधि कुमार नारंग ने तकनीकी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनी पोलरिस, इन टैलीस्मार्ट व जीएमआर के सीईओ को नोटिस भेजा है और तत्काल कमियों में सुधार करने का निर्देश दिया है।

यूपी में अब तक लगे लगभग 2.75 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर

प्रदेश में अब तक लगभग 2.75 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगे हैं, जिनमें 90 प्रतिशत इन्हीं कंपनियों के हैं। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन की उच्च स्तरीय आइटी जांच में जो कमियां सामने आईं हैं, उनमें पता चला है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर गलत पावर फैक्टर रिकॉर्ड कर रहा है। उसकी आरटीसी दो घंटे में ट्रिप कर रही है, साथ ही पीटी रिसिवो गलत मल्टीप्लाइंग फैक्टर बता रहा है। यह तकनीकी मानक स्मार्ट प्रीपेड मीटर का मुख्य आधार होता है।

कंपन‍ियों को ब्‍लैक ल‍िस्‍ट करने की मांग

उन्होंने कहा कि जो कमियां सामने आईं हैं, उससे साफ पता चल रहा है कि आने वाले समय में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग भार व टाइम सब गलत ही रिकॉर्ड होगा, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। वर्मा ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन को पारदर्शी तरीके से इन घटिया मीटरों की जांच करानी चाहिए और ऐसी कंपनियों को तत्काल ब्लैक लिस्ट करते हुए बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।

रायबरेली में बिजली कटौती व ट्रिपिंग से घंटों परेशान रहे लोग

जागरण संवाददाता, रायबरेली। जिले की बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। बार-बार बिजली की आवाजाही से लोग परेशान हैं। बुधवार को मिल एरिया क्षेत्र के कई गांवों में कई घंटों की बिजली कटौती रही। वहीं शहर के गोराबाजार, मलिकमऊ, आइटीआई समेत कई क्षेत्रों में भी ट्रिपिंग की समस्या से लोग परेशान रहे। लोगों का कहना है कि बदलते मौसम में कटौती से दिन में उमस और रात में मच्छरों के प्रकोप से लोगों की नींद नहीं पूरी हो पा रही है।

मिल एरिया के देवंदापुर, खसपरी, राही, लालूपुर, रसैता, सिधौना व महराजगंज रोड स्थित काशीराम कालाेनी, हरदासपुर एवं डिडौली समेत कई गांवों में बुधवार को दिन में लगभग चार से पांच घंटे की बिजली कटौती रही। ग्रामीण आदित्य चौहान, मोनू सिंह, पुनीत सिंह, राजू, कमल सिंह, आकाश दीप, हिमांशु सिंह आदि ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती से राहत नहीं मिल पा रही है। दिन हो या रात कब लाइट चली जाए, कुछ पता नहीं रहता। मौसम में बदलाव के कारण दिन में उमस रहती है तो रात में मच्छरों की भरमार। ऐसे में बिजली न रहने से लोगों की नींद पूरी नहीं हो पा रही है। बिजली कब आएगी, कब जाएगी, इसकी मोबाइल पर कोई सूचना भी नहीं दी जाती है।

लाइट जाने पर जब भी अधिकारियों या कर्मचारियों को फोन करो तो बस यही जवाब मिलता है कि फॉल्ट हो गया है या अनुरक्षण का काम हो रहा है। वहीं, कचहरी रोड के पवन कुमार, अजय, सोनू, राजेश ने बताया कि दिन में कई बार ट्रिपिंग हुई। आए दिन यह समस्या बनी रहती है। उच्चाधिकारियों को इस समस्या के समाधान कराना चाहिए, जिससे लोगों को राहत मिल सके।

अधिशासी अभियंता आनंद वर्मा का कहना है कि 132 केवीए विद्युत उपकेंद्र अमावां में मरम्मत का काम कराया जा रहा था, जिसके चलते दिन में बिजली कटौती की गई थी। आरडीएसएस योजना के तहत तेजी से काम कराए जा रहे हैं ताकि भविष्य में लोगों को बार-बार हो रही फाल्ट से निजात मिल सके।

यह भी पढ़ें: UPPCL: बिजली के बिल की वसूली में लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई, पावर कारपोरेशन अध्यक्ष ने अफसरों को चेताया

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।