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यूपी में 90 हजार रुपये कमाते हैं भिखारी, सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, आंकड़ा जान अधिकारियों के उड़े होश

यूपी में एक चौंकाने वाले सर्वे में खुलासा हुआ है कि चौराहों और मंदिरों के पास भिक्षावृत्ति करने वाले भिखारी महीने में 90 हजार रुपये तक कमा रहे हैं। लखनऊ में किए गए इस सर्वे में पाया गया कि कई भिखारियों के पास स्मार्टफोन और पैन कार्ड भी हैं। इस सर्वे के बाद अब इन भिखारियों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने की तैयारी है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sat, 26 Oct 2024 11:45 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल किया गया ग्राफिक
जागरण संवाददाता, लखनऊ। चौराहों और मंदिरों के पास भिक्षावृत्ति में लगे भिखारी महीने में 90 हजार और साल में करीब 11 लाख रुपये कमाते हैं। यह सुनकर आप भले ही हैरान हो गए हों, लेेकिन यह सच है।

जिला नगरीय विकास अभिकरण की ओर से किए गए सर्वे में लखनऊ में भिखारियों ने कमाई के मामले में कई नौकरी पेशा को भी पीछे छोड़ दिया है। लखनऊ में कई भिखारियों के पास स्मार्टफोन और पैनकार्ड तक मिले हैं, भिखारियों की धरपकड़ और सर्वे में ये बात सामने आई है। सर्वे के दौरान 5,312 भिखारी मिले। अब इनको योजनाओं से जोड़ने की तैयारी है।

लखनऊ में लगातार बढ़ रही भिखारियों की संख्या

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में भिखारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसको लेकर समाज कल्याण विभाग और डूडा (जिला नगरीय विकास अभिकरण) ने सर्वे किया, जिसमें यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। हालांकि यह सर्वे काफी पुराना है। सर्वे करने वाली संस्था द्वारा सर्वे में गड़बड़ी होने के चलते जिला प्रशासन ने इसे काली सूची में डाला है।

19 अक्टूबर से पांच विभागों की संयुक्त टीम शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्ति का अभियान चला रही है। अभियान की 15 दिन में समीक्षा होगी।

भिक्षावृत्ति में संलिप्त परिवारों और बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराते हुए उनके चिह्नांकन, पुनर्वासन तथा सामाजिक एकीकरण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नगर-निगम , पुलिस विभाग, जिला नगरीय विकास अभिकरण, समाज कल्याण विभाग, महिला कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन की संयुक्त टीम बनी है। अभियान के लिए हजरतगंज, लाल बत्ती, अवध चौराहा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान व चारबाग चौराहों को हाट स्पाट चुना गया है जहां भिक्षावृत्ति अधिक होती है।

मुख्यमंत्री कल संस्कृत छात्रों को देंगे बढ़ी छात्रवृत्ति का उपहार

दीपावली के मौके पर संस्कृत स्कूलों व महाविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को बढ़ी छात्रवृत्ति का उपहार मिलेगा। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय के छात्रों को छात्रवृत्ति वितरित कर इसका शुभारंभ करेंगे।

प्रदेश भर में कुल 69,195 संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्ति बांटी जाएगी। विधानसभा उपचुनाव वाले नौ जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव ने बताया कि संस्कृत स्कूलों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 1,21,977 विद्यार्थियों में से 69,195 विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है और उन्हें छात्रवृत्ति दी जाएगी।

छात्रवृत्ति में 23 वर्षों बाद बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2001 से लागू की गई छात्रवृत्ति की दरों को संशोधित किया गया है। ऐसे विद्यार्थी जिनके न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक हैं और उनकी कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत है, वे इसके लिए पात्र हैं। कक्षा छह व सात के विद्यार्थियों को वार्षिक 600 रुपये, कक्षा आठ के छात्रों को 900 रुपये, कक्षा नौ व 10 के छात्रों को 1,200 रुपये, कक्षा 11 व 12 के छात्रों को 1,800 रुपये, स्नातक के छात्रों को 2,400 रुपये व परास्नातक के छात्रों को 3,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।

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