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लखनऊ के बहुचर्चित हत्याकांड में शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को दोषी करार, दो हत्या और एक मौत से मचा था बवाल

राजधानी लखनऊ में तकरीबन डेढ़ दशक पहले एक ही पद पर तैनात हुए दो सीएमओ की हत्या ने सनसनी मचा दी थी। इतना ही नहीं दोनों घटनाओं में आरोपी बनाए गए डिप्टी सीएमओ की मौत जेल में हो गई थी। हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की जिसके बाद अब मामले में एक आरोपी को दोषी करार दिया गया है और दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Sat, 29 Jun 2024 12:20 AM (IST)
लखनऊ के बहुचर्चित हत्याकांड में शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को दोषी करार, दो हत्या और एक मौत से मचा था बवाल
सीएमओ हत्याकांड में एक अभियुक्त दोषी, दो बरी।

विधि संवाददाता, लखनऊ। बहुचर्चित सीएमओ डॉ. विनोद आर्या और डॉ. ब्रह्म प्रसाद सिंह हत्याकांड में शुक्रवार को अभियुक्त एवं शूटर आनंद प्रकाश तिवारी को दोषी करार दिया गया। वहीं, साक्ष्यों के अभाव में विनोद शर्मा और राम कृष्ण वर्मा को बरी कर दिया गया। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश सीबीआई कोर्ट अनुरोध मिश्रा ने की।

अभियुक्त आनंद प्रकाश तिवारी को सजा सुनाए जाने की तिथि दो जुलाई तक की गई है। विनोद शर्मा और राम कृष्ण वर्मा पर आरोप तय नहीं हो सके इसलिए उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया। 

यह है मामला

विकासनगर सेक्टर-14 में बाइक सवार बदमाशों ने 27 अक्टूबर 2010 को परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन सीएमओ विनोद आर्या पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर उनकी हत्या कर दी थी। वह घर से टहलने के लिए निकले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विनोद आर्या को पांच गोलियां मारे जाने की पुष्टि हुई थी। 

यह मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि विनोद आर्या के स्थान पर नियुक्त हुए नए सीएमओ डॉ. ब्रह्म प्रसाद सिंह की दो अप्रैल 2011 को हत्या कर दी गई थी। छह माह के अंदर दो सीएमओ की हत्या ने तत्कालीन सत्ता को भी हिला कर रख दिया था। 

जमकर बवाल हुआ था। तत्कालीन बसपा सरकार ने दोनों हत्याकांडों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। कोर्ट में यह भी दलील दी गई कि हत्याकांड एनआरएचएम घोटाले से जुड़ा है। 

दोनों हत्याकांडों की जांच अभी चल ही रही थी कि इस बीच दो महीने बाद ही डिप्टी सीएमओ योगेंद्र सिंह सचान की जेल के अंदर ही संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। डिप्टी सीएमओ की मौत के मामले में न्यायिक जांच हुई। 

जांच के बाद कहा गया कि इसे हत्या मानने से इंकार नहीं किया जा सकता। योगेंद्र सचान की पत्नी डॉ. मालती और परिजन उनकी हत्या किए जाने का आज भी आरोप लगा रहे हैं।

एक शूटर मुठभेड़ में मारा गया था

हत्याकांड से जुड़ा एक शूटर मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि अंशू दीक्षित पेशी के दौरान भाग गया था। आनंद प्रकाश और रामकृष्ण वर्मा के खिलाफ सीबीआई की जांच चल रही थी। आखिर में शूटर आनंद प्रकाश तिवारी दोषी साबित हुआ। 

राम कृष्ण वर्मा और विनोद शर्मा दोष मुक्त हो गए। मामले में कई गवाह टूट भी गए थे। हत्याकांड में वर्ष 2022 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में लिखा था कि सीएमओ डॉ. विनोद आर्या, डॉ. ब्रह्म प्रसाद सिंह की हत्या की साजिश में डिप्टी सीएमओ डॉ. योगेंद्र सचान शामिल थे।

ऐसे दोषी साबित हुआ शूटर आनंद प्रकाश

शूटर आनंद प्रकाश तिवारी के पास से हत्या में प्रयुक्त जो पिस्टल बरामद की गई थी, उसे और मौके से बरामद कारतूस के खोखों को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में बैलिस्टिक जांच के लिए भेजा गया था। 

बैलिस्टिक एक्सपर्ट की जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि मौके से बरामद कारतूस के खोखे आनंद प्रकाश तिवारी के पास से मिली पिस्टल के ही थे। उसी पिस्टल से गोली चली थी। सीबीआई के पास आनंद प्रकाश तिवारी के खिलाफ पर्याप्त और मजबूत साक्ष्य थे। इस लिए कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया।

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