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अखि‍लेश यादव ने CBI के नोट‍िस पर द‍िया जवाब, कहा- मीड‍िया को बताने की जरूरत नहीं

सपा मुखिया ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर प्रकोष्ठों की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि भाजपा इस समय सबसे ज्यादा कमजोर है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जिस सरकार ने दावा किया हो की 60 लाख बच्चों की परीक्षा कराकर नौकरी देंगे और उसी ने जानबूझकर पेपर लीक करा दिया। सरकार की नीयत नहीं है नौकरी देने की।

By Vinay Saxena Edited By: Vinay Saxena Published: Thu, 29 Feb 2024 02:19 PM (IST)Updated: Thu, 29 Feb 2024 02:33 PM (IST)
सपा प्रमुख ने कहा क‍ि सीबीआई की तरफ से जो कागज़ आया था, उसका जवाब मैं दे चुका हूं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीबीआई के नोटिस को लेकर कहा, मैंने उसका जवाब दे दिया है। जवाब में क्या लिखा है यह आपको (मीडिया) बताने की जरूरत नहीं है। लीक करने का काम भाजपा करती है। जिसने आपको नोटिस के बारे में बताया है उन्हीं से जवाब के बारे में भी पूछ लीजिए। उन्होंने कहा कि मुझसे बेहतर आप जानते हो, यह पहली बार नहीं है जब सीबीआई बुला रही है। भाजपा राजनीति कर रही है, हम पीडीए की बात कर रहे हैं तो इन सब चीजों का सामना करना पड़ेगा। 10 वर्ष सरकार चलाने के बाद भी ये घबराए हुए लोग हैं।

सपा मुखिया ने गुरुवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर प्रकोष्ठों की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि भाजपा इस समय सबसे ज्यादा कमजोर है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जिस सरकार ने दावा किया हो की 60 लाख बच्चों की परीक्षा कराकर नौकरी देंगे और उसी ने जानबूझकर पेपर लीक करा दिया। सरकार की नीयत नहीं है नौकरी देने की। नौकरी देनी पड़ी तो आरक्षण देना पड़ेगा आरक्षण दिया तो पीडीए मजबूत होगा।

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियां भाजपा के प्रकोष्ठ की तरह काम कर रही हैं। आप विधायकों को पैकेज दे सकते हैं जनता को पैकेज नहीं दे सकते हैं। उन्होंने सपा के बागी विधायक मनोज कुमार पांडे द्वारा रामलला के दर्शन करने के प्रश्न पर कहा कि हमने किसी को नहीं रोका था। ये लोग झूठी बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार को मनोज पांडेय को डिप्टी सीएम बना देना चाहिए। भाजपा तो एक्सचेंज की थीम पर चलती है, दिनेश शर्मा हटे तो कोई और आया अब इनकी बारी है।

अखि‍लेश पर शि‍कंजा कसने की तैयारी! 

बहुचर्चित खनन घोटाले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीबीआई शिकंजा कसने की तैयारी में है। दिल्ली सीबीआई ने हमीरपुर में हुए खनन घोटाले को लेकर वर्ष 2019 में दर्ज एफआईआर के तहत नोटिस देकर अखिलेश यादव को 29 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। हालांकि, इस केस में अखिलेश यादव नामजद आरोपित नहीं हैं। खनन पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया में हुए खेल को लेकर अखिलेश यादव से बतौर गवाह सवाल-जवाब हो सकते हैं। सीआरपीसी की धारा-160 के तहत जांच में बतौर गवाह समन जारी किया गया है।

ईडी कर रहा है खनन घोटाले की जांच

खनन घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है। वहीं सपा व कांग्रेस ने अखिलेश यादव को नोटिस जारी किए जाने को राजनीतिक कदम बताते हुए जांच एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। सपा शासनकाल में हुए खनन घोटाले में सीबीआई दिल्ली ने दो जनवरी, 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। हमीरपुर में हुए खनन घोटाले को लेकर 2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी.चंद्रकला (तत्कालीन डीएम हमीरपुर) व एमएलसी रमेश मिश्रा समेत 11 नामजद आरोपितों समेत अन्य अज्ञात के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।

सीबीआई ने पांच जनवरी, 2019 को बी. चंद्रकला के लखनऊ के फ्लैट समेत अन्य जिलों में खनन विभाग के कर्मचारियों व ठेकेदारों के 14 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने हमीरपुर, शामली, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर व अन्य जिलों में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन में धांधली की शिकायतों पर मार्च 2017 में सात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थीं।

आरोप था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध के बावजूद हमीरपुर समेत कई स्थानों पर धड़ल्ले से खनन कराया गया। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ जांच में सामने आया था कि हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी.चंद्रकला ने 13 अप्रैल 2012 से छह जून 2014 के मध्य अपने कार्यकाल के दौरान खनन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर 50 से ज्यादा खनन के पट्टे नियमों की अनदेखी कर जारी किए थे। बिना ई-टेंडर के पट्टे दिए गए और पुराने पट्टों की मियाद भी बढ़ाई गई।

सीबीआई को इस मामले में सपा सरकार के तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले थे। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय ने 17 फरवरी, 2013 को ई-निविदा नीति का उल्लंघन करके एक ही दिन में 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। अखिलेश के पास भी था भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग सपा सरकार में भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति पर कानूनी शिकंजा कसा था। ईडी ने भी खनन घोटाले में गायत्री प्रजापति से लंबी पूछताछ की थी।

सपा के शुरुआती शासनकाल में गायत्री प्रजापति से पहले खनिकर्म विभाग के मंत्री पद का दायित्व अखिलेश यादव के पास था। माना जा रहा है कि उस दौरान आवंटित पट्टों को लेकर अखिलेश यादव की भूमिका जांच के घेरे में है।

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