'बेनकाब हो चुका है सपा का चेहरा', केशव मौर्य ने अखिलेश यादव को घेरा; लगातार तीखी हो रही ये जुबानी जंग
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच चल रही जुबानी जंग लगातार तीखी हो रही है। सपा अध्यक्ष ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा को घेरा था। उन्होंने लिखा था कि भाजपा राज में अपराधियों ने कानून व्यवस्था का शटर व लाकर सब तोड़ दिया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच चल रही जुबानी जंग लगातार तीखी हो रही है। सपा अध्यक्ष ने शनिवार को इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा को घेरा था।
उन्होंने लिखा था कि भाजपा राज में अपराधियों ने कानून व्यवस्था का शटर व लाकर सब तोड़ दिया है। सरकार छुट्टी पर है और अपने हिस्से का त्योहार मना रही है। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को एक्स पर सपा को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है कि समाजवादी पार्टी का चरित्र व चेहरा दोनों बेनकाब हो चुके हैं।
उन्होंने लिखा है कि सपा का असली एजेंडा मुस्लिम तुष्टीकरण और वोटबैंक के लिए जेहादियों को खुला समर्थन देना है। लव जेहाद, लैंड जेहाद, वोट जेहाद सहित तमाम मोर्चों पर समाज को बांटने की राजनीति सपा कर रही है।
पीडीए असल में एक छलावा : केशव प्रसाद
उपचुनाव में सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है, और प्रमुख दलों के बीच एक-दूसरे पर तीखे हमले किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के 'पीडीए' (दलित-पिछड़े-अल्पसंख्यक) गठबंधन को छलावा करार दिया है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तंज कसते हुए मौर्य ने कहा कि सपा का पीडीए असल में परिवारवाद-दंगाई-अपराधी का गठबंधन है, जो केवल भ्रम फैलाने के लिए है।
भाजपा का असली 'पीडीए': प्रगति, विकास और सुशासन
मौर्य ने दावा किया कि भाजपा का 'पीडीए' असली में प्रगति, विकास और सुशासन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि कौन सा दल वास्तव में समाज के सभी वर्गों के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आया है। मौर्य का कहना है कि सपा के विपरीत भाजपा की प्राथमिकता प्रगति और देश की भलाई है।अखिलेश यादव का पलटवार
दूसरी ओर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के नारे "बटेंगे तो कटेंगे" की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे देश के राजनीतिक इतिहास में ‘निकृष्टतम नारा’ करार देते हुए कहा कि यह भाजपा के राजनीतिक पतन का प्रतीक है। एक्स पर अपने अकाउंट से अखिलेश ने इसे भाजपा के "अंतिम अध्याय" की ‘शाब्दिक कील’ बताया और कहा कि भाजपा का यह नकारात्मक नारा उनकी निराशा और नाकामी को दर्शाता है।
अखिलेश ने अपनी प्रतिक्रिया में भाजपा के "नकारात्मक नारे" को उनकी असफलता का प्रमाण बताया। उनका दावा है कि भाजपा अब गिनती के कुछ मतदाताओं के सहारे खड़ी है, जो तेजी से खिसक रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा मतदाताओं को डराने और भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन जनता अब इस सच्चाई को जान चुकी है।
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