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यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता समाप्त करने पर सपा ने की आपत्ति, लाल बिहारी यादव बोले- यह असंवैधानिक

UP Politics विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद छिनने के बाद लाल बिहारी यादव ने शुक्रवार को नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त करना असंवैधानिक है। सदन में यदि 10 सदस्य से कम हैं तो सदन की कार्यवाही नहीं हो सकती है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2022 10:37 PM (IST)
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UP Politics: विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता समाप्त करने पर सपा नेता लाल बिहारी यादव ने आपत्ति जताई।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। समाजवादी पार्टी से विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद छिन गया है। विधान परिषद के कुल सदस्यों में से 10 प्रतिशत से कम सपा के सदस्य होने के कारण सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव की मान्यता समाप्त कर दी है। समाजवादी पार्टी ने उच्च सदन से नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त किए जाने पर आपत्ति जताई है।

नेता प्रतिपक्ष का पद छिनने के बाद लाल बिहारी यादव ने शुक्रवार को नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त करना असंवैधानिक है। सभापति ने विधान परिषद की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली 1956 के नियम-234 का उल्लेख करते हुए नेता विरोधी दल की मान्यता को समाप्त करने की जो अधिसूचना जारी की है, वह गणपूर्ति संख्या-10 सदन के संचालन के लिए है। यानी सदन में यदि 10 सदस्य से कम हैं तो सदन की कार्यवाही नहीं हो सकती है। यह नियम नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त करने के लिए नहीं है।

सपा नेता लाल बिहारी यादव ने कहा कि नेता विरोधी दल सदन में संपूर्ण विपक्ष का नेता होता है। समाजवादी पार्टी बड़ी पार्टी है, लेकिन नियमों का गलत हवाला देकर नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त की गई है। यह निर्णय लोकतंत्र को कमजोर एवं कलंकित करने वाला है। उन्होंने इसे विपक्ष की आवाज दबाने और कमजोर करने की साजिश बताया है।

100 सदस्यों वाली विधान परिषद में अब मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नौ सदस्य रह गए हैं। 10 प्रतिशत से अधिक सदस्य रहने पर ही उस दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाता है। छह जुलाई को विधान परिषद के 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया। इनमें सपा के छह, बसपा के तीन, भाजपा के दो और कांग्रेस के एक सदस्य शामिल हैं। वहीं, एमएलसी की 13 सीटों के लिए पिछले दिनों हुए चुनाव में भाजपा नौ व चार सपा के उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे।

ऐसे में अब विधान परिषद में भाजपा के 73 सदस्य हो गए हैं जबकि सपा के नौ और बसपा के मात्र एक सदस्य रह गए हैं। इसलिए सभापति ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी के लाल बिहारी यादव से नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया है। विधान परिषद के प्रमुख सचिव डा. राजेश सिंह ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। लाल बिहारी इसी साल 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे।

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