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सदन में सपा ने उठाया अस्पतालों की बदहाली का मुद्दा, Brajesh Pathak ने दिया जवाब; कहा- बढ़ेंगे 26,147 बेड

सदन में सपा ने यूपी के सरकारी अस्पतालों में बदहाली का मुद्दा उठाया था जिस पर स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया है। कहा कि सरकारी अस्पतालों में 26147 बेड बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम पहले 15 मिनट था उसे अब साढ़े सात मिनट कर दिया गया है।

By Shobhit Srivastava Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 31 Jul 2024 10:42 PM (IST)
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उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक। फाइल फोटो ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानमंडल के दोनों सदनों में बुधवार को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अस्पतालों की बदहाली का मुद्दा उठाया। सरकार भी पूरी तरह तैयार थी। विपक्ष के आरोपों का उच्च सदन में स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाल रहे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जवाब दिया तो वहीं विधानसभा में यह जिम्मेदारी राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने निभाई।

उप मुख्यमंत्री ने कहा अस्पताल आ रहे हर व्यक्ति को बेहतर उपचार दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में सरकारी अस्पतालों में 26,147 बेड बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। अभी प्रदेश में कुल 1.05 लाख बेड हैं। विधान परिषद व विधानसभा में सपा ने यह मामला कार्यस्थगन प्रस्ताव के रूप में उठाया था।

उच्च सदन में उप मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की अनुपलब्धता को लेकर उठाए गए विपक्ष के सवालों के जवाब में कहा कि सरकार ने रिवर्स बिड के माध्यम से पांच लाख रुपये मानदेय पर 1,029 विशेषज्ञ डाक्टरों को नियुक्त किया है। ई संजीवनी एप के माध्यम से प्रदेश में प्रतिदिन 70 हजार लोगों को टेलीमेडिसिन के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श दिला जा रहा है।

25 हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए गए हैं। 58 प्रकार की दवाएं और 13 तरह की जांचों की सुविधा यहां रोगियों को दी जा रही है। आयुष्मान कार्ड बनाने में यूपी देश में पहले स्थान पर है यहां अभी तक 5.11 करोड़ कार्ड बनाए जा चुके हैं। वर्ष 2017 से पहले सिर्फ 17 मेडिकल कालेज थे और अब इनकी संख्या बढ़कर 65 हो गई है। जो जिले शेष हैं वहां सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) माडल पर मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं।

एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में सुधार

उन्होंने बताया कि एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम पहले 15 मिनट था उसे अब साढ़े सात मिनट कर दिया गया है। प्रतिदिन 1.75 लाख रोगियों का इलाज किया जा रहा है। सपा के जासमीर अंसारी व शाहनवाज खान ने कहा कि जन औषधि केंद्र बंद हो रहे हैं। मधुमेह व एंटीबायोटिक दवाएं महंगी हो गई हैं।

नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने आरोप लगाया कि एसजीपीजीआइ में एससी-एसटी व पिछड़ा वर्ग के चिकित्सकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। वर्ष 2021 में एलाइड हेल्थ काउंसिल का गठन करने के निर्देश दिए गए लेकिन अभी तक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी। सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।

वहीं, विधानसभा में सपा विधायक डा. राकेश कुमार वर्मा ने कहा कि मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। मेडिकल कालेज हों या जिला अस्पताल जांच तक नहीं हो पा रही है। कई जगह जांच की मशीनें नहीं हैं तो कई जगह मशीनें तो हैं लेकिन वहां डाक्टर नहीं हैं।

उन्होंने ओपीडी का समय सुबह आठ बजे के बजाय दिन में 10 बजे से शाम पांच बजे तक करने की मांग की। गोपालपुर के सपा विधायक नफीस अहमद ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में न डाक्टर हैं और न दवाएं मिल रही हैं। आयुष्मान कार्ड के जरिए प्राइवेट अस्पताल बहुत बड़ा घोटाला कर रहे हैं। सपा के मनोज पारस व डा. रागिनी ने भी स्वास्थ्य विभाग की कमियों को उजागर किया।

चिकित्सा स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने विपक्ष के आरोपों का विस्तार से जवाब दिया। कहा, पिछली सरकारों से व्यवस्था बहुत अच्छी हो गई है। सरकार पीएचसी में 13,134 व सीएचसी में 11720 बेड और बढ़ाने जा रही है। मातृ व शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में हर दिन 70 हजार मरीज देखे जा रहे हैं। अधिष्ठाता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर दिया।

सपा सदस्यों ने सभापति के आसन के समक्ष दिया धरना

विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने बोलने न देने का आरोप लगाया। कार्यस्थगन प्रस्ताव पर जब दोबारा अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने उन्हें नियमों का हवाला देकर टोक दिया।

विरोध में लाल बिहारी यादव के साथ सपा के मान सिंह यादव व आशुतोष सिन्हा सहित सभी सदस्य सभापति के आसन के सामने आकर धरने पर बैठ गए। सभापति ने कहा धरने में बैठे सदस्य जो बोल रहे हैं वह कार्यवाही का हिस्सा न बनाया जाए। पीठ से निर्देश आने के कुछ देर बाद सपा सदस्य वापस अपनी सीटों पर आ गए।

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