Loksabha Election 2024: सपा-रालोद ने एक बार फिर मिलाया हाथ, 7 सीटों पर समझौता; बस इस सीट पर आकर फंस गया पेंच
रालोद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन में साथ मिलकर चुनाव लड़ चुका है। अब एक बार फिर से सपा-रालोद ने हाथ मिलाया है। सपा ने रालोद को सात सीटें दी हैं। रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव से लखनऊ स्थित जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में मुलाकात की और सीटों को अंतिम रूप दिया।
By Aysha SheikhEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 20 Jan 2024 12:19 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में शामिल कांग्रेस व सपा के बीच भले ही अभी सीटों को लेकर कोई निर्णय न हो सका हो किंतु सपा व रालोद के बीच समझौता हो गया है। विधानसभा चुनाव की तर्ज पर प्रदेश में सपा व रालोद आगामी लोकसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे। सपा ने रालोद को सात सीटें दी हैं। दोनों पार्टियों का यह गठबंधन पश्चिम यूपी में भाजपा की चुनौती बढ़ा सकता है।
दरअसल, कांग्रेस पहले ही स्पष्ट कर चुकी थी कि वह रालोद के साथ सीटों को लेकर बातचीत नहीं करेगी। चूंकि सपा व रालोद का प्रदेश में पहले से समझौता है, इसलिए कांग्रेस ने दोनों दलों को आपस में सीटें तय करने के लिए कहा था। इसी के बाद रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव से लखनऊ स्थित जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में मुलाकात की और सीटों को अंतिम रूप दिया।
गठबंधन की घोषणा
इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर गठबंधन की घोषणा की। अखिलेश ने एक्स पर जयन्त के साथ हाथ मिलाते हुए फोटो पोस्ट करते हुए लिखा...राष्ट्रीय लोकदल और सपा के गठबंधन की सभी को बधाई। जीत के लिए सभी एकजुट हो जाएं, जुट जाएं। इसके कुछ देर बाद जयन्त ने अखिलेश का पोस्ट टैग करते हुए लिखा...राष्ट्रीय, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, हमारे गठबंधन के सभी कार्यकर्ताओं से उम्मीद है, अपने क्षेत्र के विकास और खुशहाली के लिए कदम मिलाकर आगे बढ़ें।पहले भी दोनों पार्टी साथ मिलकर लड़ चुकी चुनाव
रालोद इससे पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सपा-बसपा गठबंधन में साथ मिलकर चुनाव लड़ चुका है। उस समय रालोद के हिस्से मुजफ्फरनगर, बागपत व मथुरा तीन सीटें आई थीं। हालांकि, उसे एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली थी।वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव भी रालोद ने सपा के साथ मिलकर लड़ा था। पश्चिम यूपी की 33 सीटों पर चुनाव लड़ कर उसे आठ सीटों पर सफलता मिली थी। उसे 33.88 प्रतिशत मत मिले थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी आइएनडीआइए गठबंधन में शामिल सपा-रालोद मिलकर पश्चिम यूपी में भाजपा की चुनौती बढ़ा सकते हैं।
इन सीटों पर बनी सहमति
सपा व रालोद के बीच जिन सात सीटों पर सहमति बनी है उनमें मेरठ, कैराना, मुजफ्फरनगर, बागपत, मथुरा व हाथरस प्रमुख हैं। बिजनौर व अमरोहा में से एक सीट और रालोद को मिल सकती है। इस बार बिजनौर से कांग्रेस में शामिल होने वाले इमरान मसूद चुनाव लड़ सकते हैं, इसलिए इस सीट पर निर्णय बाद में होने की उम्मीद है।एक-दो सीटों पर और भी फेरबदल होने की संभावना है। सीटों की आधिकारिक घोषणा कांग्रेस व सपा की बैठक के बाद होगी। सूत्रों के अनुसार सपा करीब 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। एक-दो दिनों में कांग्रेस के साथ सीटों को लेकर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है।
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