पूर्वोत्तर रेलवे ने की ऐसी व्यवस्था कि अब क्रासिंग पर नहीं होगा कोई हादसा
पूर्वोत्तर रेलवे ने निर्धारित समय में सभी क्रासिंग पर कर्मी तैनात किए। वहीं उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन लक्ष्य से पिछड़ गया है। 30 सितंबर तक थी मियाद।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोहरे के मौसम में हादसों को दावत देने वाली मानवरहित क्रासिंग पर चौकीदार तैनात करने में पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने बाजी मार ली। जबकि उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन पिछड़ गया। रेलवे की तय मियाद से एक दिन पहले 29 सितंबर को पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ, इज्जतनगर और वाराणसी रेल मंडल की सभी 633 मानवरहित क्रासिंग को चौकीदार युक्त कर दिया है, या फिर उनको बंद कर दिया है। उत्तर भारत में सर्दी के समय मानवरहित क्रासिंग अधिक जानलेवा हो जाती हैं। रेल मंत्रालय ने 30 सितंबर तक देश की सभी मानवरहित क्रासिंग को चौकीदार युक्त करने का आदेश दिया था।
पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत तीन रेल मंडल आते हैं, जिनमें इज्जतनगर मंडल सबसे पहले मानवरहित क्रासिंग बंद करने वाला मंडल बना। जबकि वाराणसी और लखनऊ रेल मंडलों की मानवरहित क्रासिंग पर भी पूर्व सैनिकों की तैनाती हो गई है। इन पूर्व सैनिकों को रेलवे ने एक साल की संविदा पर तैनात किया है। हालांकि इनका वेतन नियमित कर्मचारी के समान है। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने कई क्रासिंग को बंद कर पास की क्रासिंग से मिला भी दिया है। वहीं दूसरी ओर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन पूर्व सैनिकों की तैनाती करेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण निगम से रेलवे का एमओयू साइन होना है। अब तक यह एमओयू साइन नहीं हो सका है। जिस कारण करीब 150 रेलवे क्रासिंग अब भी मानवरहित हैं। माना जा रहा है कि उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन चार से छह दिन के भीतर इनपर पूर्व सैनिकों की तैनाती कर सकेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि 29 सितंबर को पूर्वोत्तर रेलवे के तीनो रेल मंडल लखनऊ, इज्जतनगर और वाराणसी रेल मंडल की सभी 633 मानवरहित क्रासिंग पर चौकीदार तैनात हो गए हैं, या फिर उनको बंद कर दिया गया है। अब एक भी मानवरहित क्रासिंग नहीं बची हैं।