दलित एक्ट पर अपनी खामियां छिपा रही भाजपा : मायावती
बसपा शासन में दलित उत्पीडऩ नहीं हुआ। भाजपा खामियां छिपाने के लिए बसपा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है।मीडिया मे तथ्यों को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है।
By Nawal MishraEdited By: Updated: Fri, 06 Apr 2018 12:10 AM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। एससी-एसटी एक्ट को लेकर घिरी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जारी शासनादेशों की सफाई देते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की बसपा शासनकाल में जारी किए शासनादेशों से तुलना करना उचित नहीं है। बसपा शासन में पूरे पांच वर्ष दलित व आदिवासी वर्ग का उत्पीडऩ नहीं हुआ। बसपा को बदनाम करने के लिए मीडिया मे तथ्यों को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है।
खामियां छिपाने के लिए दुष्प्रचार भारत बंद के दौरान भारी हिंसा के बाद से गर्माए सियासी माहौल और बसपा को घेरने की कोशिशों का जवाब देने को मायावती ने गुरुवार को बयान जारी कर अपनी सफाई दी। कहा कि भाजपा एससी-एसटी एक्ट मामले में अपनी खामियां छिपाने के लिए बसपा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने बसपा शासनकाल में एससी-एसटी एक्ट को कमजोर करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जारी शासनादेशों पर सफाई देते हुए बताया कि गत 20 मई, 2007 को जारी शासनादेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए एससी-एसटी एक्ट में झूठे मुकदमों का सच जानने के लिए अविलम्ब सत्यता जांचने के बाद मुकदमा दर्ज कराने को कहा था। इस के बाद 29 अक्टूबर, 2007 को जारी किए आदेश में गंभीर मामलों में एसएसपी या एसपी रैंक के अधिकारी द्वारा स्वयं संज्ञान लेने को कहा गया। अनुसूचित वर्ग का अहित न होने पाए, इसकी प्रत्येक माह महानिदेशक स्तर पर निगरानी होती थी।
भाजपा शासित राज्यों में ही हिंसाबसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि गत दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान केवल भाजपा शासित राज्यों में हिंसा हुई, जबकि पूरे देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किये गए थे। भाजपा व सहयोगी संगठनों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को हिंसक बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग भी किया।
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