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Lockdown Day 5: लॉकडाउन में बंद हुई नॉनवेज की दुकानें, भूख से बिलख रहे हैं डॉगी-नहीं मिल रहे बन बिस्किट

लॉकडाउन में इंसानों के साथ जानवरों की जिंदगी पर भी पड़ा असर डॉगी और गाय को नहीं मिल रहा खाना।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Sun, 29 Mar 2020 11:25 AM (IST)
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Lockdown Day 5: लॉकडाउन में बंद हुई नॉनवेज की दुकानें, भूख से बिलख रहे हैं डॉगी-नहीं मिल रहे बन बिस्किट
लखनऊ, जेएनएन। रात होते ही कुत्ताें के रोने और भौंकने की आवाज तेज हो जाती है। एक साथ गूंजती यह आवाजें अब यह अहसास नहीं कराती है कि कोई अपरिचित देखकर वह भौंक रहे होंगे।

लॉकडाउन की मार सड़क पर रहने वाले कुत्ते भी ङोल रहे हैं। भूख उन्हें चिल्लाने को मजबूर रही है कि शायद उनकी वेदना सुनकर कोई निवाला डाल जाए। अब उन्हें बंद और बिस्किट खिलाने वाला कोई नहीं है। खाली सड़कों पर बीच में ही वह लेटे रहते हैं और किसी वाहन की आहट सुनते ही इस उम्मीद में खड़े हो जाते हैं कि शायद कोई उनके खाने के लिए भोजन लाया होगा।

प्रेस क्लब के पास कुत्ताें की भरमार रहती थी। यहां नॉनवेज कई दुकानें होने से दिन भर उन्हें खाने को मिलता था, लेकिन दुकानें बंद हैं तो कुत्ते भी पलायन कर गए हैं। दूसरे क्षेत्र में जाने से टकराव भी हो रहा है। यही हाल अन्य नॉनवेज की दुकानों के आसपास का है।

मुहल्लों में रहने वाले कुत्ताें को तो थोड़ा बहुत खाने को मिल जा रहा है, लेकिन बाजारों और मुख्य सड़क पर रह रहे कुत्ताें के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है। नॉनवेज दुकानों के आसपास रहने वाले कुत्ताें को चिकन मटन का जूठन तो नसीब नहीं हो रहा है तो सूखी रोटी देने वाला भी कोई नहीं है।

मुंशी पुलिया निवासी सैय्यद मोहम्मद अहमद किसी से मिलने आए थे और हजरतगंज में साहू सिनेमा के सामने बैठ गए। कुत्ताें 

चिड़ियाघर के गेट पर सन्नाटा

से 60 हजार के बीच है शहर में सड़कों पर घूम रहे कुत्ताें की संख्या, नगर निगम की तरफ से नसबंदी आपरेशन भी बंद

चिड़ियाघर के वन्यजीव भी सन्नाटा पाकर शांत हैं। हिरण कुलाचे मार रहे हैं लेकिन अब रेलिंग के पास नहीं आ रहे हैं। पहले वह दर्शक को देखकर कुछ खाने की आस में आ जाते थे। चिम्पैंजी भी शांत है। पहले वह दर्शकों को देखते ही दौड़ने लगता था। किसी जंगल की तरह चिड़ियाघर का माहौल लग रहा है। सब कुछ शांत है। गर्मी आने के साथ ही सुप्तावस्था से बाहर आने से सांप और रेंगने वाले जीव भी सक्रिय हो गए। विभिन्न किस्म के बंदर भी दूर से यह देखते हैं कि कोई आ तो नहीं रहा है। दरअसल, कुछ लोग खाने का सामान उसकी तरफ फेंक देते थे। प्रशासन की चिंता अब वन्यजीवों के आगे के भोजन की है। अभी पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो रहा है। वैसे तो सोमवार को ही वन्यजीव दर्शकों से दूर रहते थे, लेकिन इस बार पहली बार लंबे समय तक वह दर्शकों से दूर रहेंगे। चिड़ियाघर में कुल एक हजार वन्यजीव हैं। चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. अशोक कश्यप ने बताया कि अभी सब सामान्य चल रहा है और वन्यजीव शांत माहौल में हैं।

यह आता है भोजन

सब्जी व फल : 300 किलो

गोश्त : 250 किलो

हरा चारा : 12 से 14 क्विंटल

शाम को कुछ का पेट भरा

शनिवार शाम सड़क पर रह रहे कुत्ताें के लिए राहत की खबर लाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर नगर निगम ने कुत्तों के भोजन का प्रबंध कराया। दोपहर में नगर निगम ने पशु प्रेमी संस्थाओं के साथ बैठक की और शाम को शहर के विभिन्न इलाकों में बन-बिस्किट से लेकर अन्य सामान कुत्ताें को दिया गया। भोजन का संकट खड़ा होने से वह खूंखार हो सकते हैं। भूखे कुत्ते ने फैजुल्लागंज में एक बच्चे पर हमला बोल दिया था। यह भी शिकायतें आई थी कि कुत्ते हाथ में खाने का सामान देखते ही झपट्टा मार रहे हैं। सरकार को भी यह जानकारी हो गई थी। अब नगर निगम ने बारह पशु प्रेमी संस्थाओं के पास बनवाए हैं, जिन्होंने शाम को भोजन का इंतजाम किया। नगर निगम के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. अर¨वद राव ने माना कि अधिक दिन भूखे रहने से कुत्ते खूंखार हो सकते थे। शनिवार शाम से कुछ पशु प्रेमी संस्थाओं की मदद से कुत्ताें को भोजन दिया गया है। एक दो दिन में अन्य संस्थाओं को जोड़कर कुत्ताें का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

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