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Sultanpur: घर आने को सैनिक ने कराया था ट्रेन का टिकट, तिरंगे में लिपटा गांव पहुंचा पार्थिव शरीर तो छाया मातम

सुलतानपुर जिले में धनपतगंज थाने के कुट्टा गांव निवासी सैनिक का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। सोमवार को मेरठ में ड्यूटी के दौरान सैनिक की हादसे में मौत हो गई थी। साथ आए सैनिकों ने उन्हें अंतिम सलामी दी।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaUpdated: Thu, 06 Oct 2022 07:14 AM (IST)
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सुलतानपुर में मनीष तिवारी के रोते बिलखते परिवारजन।

सुलतानपुर, संवाद सूत्र। कुट्टा गांव निवासी सैनिक की मेरठ में हुई दुर्घटना से मौत हो गई थी। तिरंगे में लिपटा शव बुधवार को घर पहुंचा तो घर व गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

मनीष तिवारी मेरठ जिले में सेना में चालक के पद पर तैनात थे। बीते सोमवार को जब वाहन ठीक कर रहे थे, तभी अचानक वह स्टार्ट हो गया। वह नीचे गिर गए, जिसके चलते सिर में गंभीर चोटें आईं और घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। बुधवार को सैनिक वाहन से उनका शव पैतृक गांव पहुंचा तो शोक की लहर दौड़ गई।

बड़े पुत्र ने दी मुखाग्नि

मनीष का दाह संस्कार गांव में सैनिक सम्मान के साथ किया गया। बड़े पुत्र अंबेश ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर सैनिकों ने उनको सलामी भी दी। बताते चलें की मनीष के पिता त्रिभुवन नाथ तिवारी भी सेना में तैनात थे, जो कैप्टन के पद से रिटायर हो चुके हैं। भाई संतोष भी सेना से सेवा निवृत्त हो चुके हैं। दूसरा भाई पवन अभी भी अपनी सेवा दे रहा है। पत्नी सुमन शिक्षामित्र हैं। दो पुत्र अंबेश 11 वर्ष जबकि छोटा अनंत आठ साल का है।

बुधवार को घर आने के लिए कराया था टिकट

मनीष को छुट्टी पर घर आना था। बुधवार को ट्रेन से घर आने के लिए उन्होंने टिकट करा लिया था, लेकिन तिरंगे में लिपटा उनका शव पहुंचा तो परिवारजन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।