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Surya Grahan 2022: सूर्यग्रहण देखना हो तो चले आइए लखनऊ, गोमती रिवर फ्रंट पर लगेंगे टेलीस्कोप

UP News लखनऊ में आंशिक सूर्यग्रहण देखने के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने गोमती रिवर फ्रंट पर पांच टेलीस्कोप लगाने की व्‍यवस्‍था की है। इस दौरान जनसामान्य को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

By Pulak TripathiEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 22 Oct 2022 09:00 PM (IST)
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Surya Grahan 2022: सूर्यग्रहण की अवधि करीब 53 मिनट की होगी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने 25 अक्टूबर को आंशिक सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) की खगोलीय घटना का अवलोकन कराने की तैयारी कर ली है। गोमती रिवर फ्रंट (मरीज ड्राइव) पर पांच टेलीस्कोप स्थापित किए जाएंगे। यूपी अम्च्योर एस्ट्रोनामर्स क्लब के सदस्य कार्यक्रम का संचालन करेंगे। इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला की ओर से सूर्यग्रहण के दौरान जनसामान्य को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

परिषद के अनुसार सूर्यग्रहण का असर अपराह्न 4.36 से शाम 6.26 बजे तक होगा, परंतु यहां सूर्यास्त का समय शाम 5.29 बजे है, इसलिए आंशिक असर दिखेगा। इस समय सूर्य का 36.93 प्रतिशत भाग चंद्रमा की छाया से ढका नजर आएगा। सूर्यग्रहण की अवधि करीब 53 मिनट की होगी। शाम 5.26 अधिकतम अवस्थौ प्राप्त करेगा। अपराह्न 4.36 बजे सूर्य, चंद्रमा की मुख्य छाया के संपर्क में आना शुरू होगा। हालांकि, शहर में उपच्छायी सूर्यग्रहण अपराह्न 2.28 बजे शुरू हो जाएगा, मगर ये पृथ्वी से दृश्यमान नहीं होगा। इस सूर्यग्रहण के बाद वर्ष 2030 तक कोई सूर्यग्रहण भारतवर्ष में दिखाई नहीं देगा।

इन बातों का रखें ध्यान

  • सूर्य के प्रकाश में 52 प्रतिशत अवरक्त किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं
  • सूर्यग्रहण के असर को नंगी आंखों से न देखें।
  • नंगी आंखों से टेलीस्कोप अथवा दूरबीन की सहायता से न देखें।
  • एक्स-रे फिल्म,फ्लापी, फोटो फिल्म, वेल्डिंग ग्लास से भी न देखें।
  • साधारण फिल्टर या धूप के चश्मों से न देखें।
  • सूर्य का प्रतिबिंब पानी में अथवा रंगीन पानी में नहीं देखना चाहिए।
  • सूर्यग्रहण को परावर्तित प्रतिबिंब तथा प्रमाणित सोलर फिल्टर से देखने व फोटोग्राफ्स लें।
  • पिनहोल कैमरे से सूर्य का प्रतिबिंब दीवार पर बनाकर सुरक्षित अवलोकन कर सकते हैं। 

क्या है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के बेहद नजदीक रहते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को अपने छाया क्षेत्र में ले लेता है। इसे ही खगोलीय भाषा में सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कहा जाता है।

 

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