Rivers In UP: यूपी की विलुप्त होती नदियों को किया जाएगा पुनर्जीवित, डिप्टी सीएम केशव मौर्य के निर्देश
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश की विलुप्त होती नदियों को पुनर्जीवित करने में प्रयासरत है। ग्राम्य विकास आयुक्त ने विलुप्तप्राय नदियों का एटलस जारी किया है। अब इसकी मदद से छोटी नदियों की पहचान हो सकेगी।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Fri, 16 Dec 2022 01:39 PM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में विलुप्त हो रहीं 75 नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयास शुरू किए गए हैं। सेंटर फार गंगा रीवर बेसिन मैनेजमेंट स्टडीज, आइआइटी कानपुर द्वारा उत्तर प्रदेश की सभी विलुप्त होती छोटी नदियों का एटलस जारी किया गया।
अब इसकी मदद से नदियों की सही पहचान हो सकेगी और इन्हें पुनर्जीवित किया जा सकेगा। गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित इंडिया वाटर इंपैक्ट समिट में ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी एवं प्रोफेसर विनोद तारे ने आइआइटी कानपुर द्वारा तैयार प्रदेश की सभी विलुप्तप्राय नदियों का एटलस जारी किया।
इस एटलस में सभी नदियों का नाम, उनकी लंबाई, जियोलोकेशन, मैप आदि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। ग्राम्य विकास आयुक्त ने बताया कि इस एटलस को सभी जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि विलुप्तप्राय नदियों का पुनरुद्धार का कार्य किया जा सके। बता दें कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विलुप्त होती नदियों के पुनरुद्धार का कार्य मनरेगा के तहत कराने का निर्देश दिया है।
एटलस जारी होने के बाद इस कार्य को गति मिलेगी। छोटी नदियों की पहचान, उसका सीमांकन जैसे महत्वपूर्ण कार्य पर भी आइआइटी बीएचयू, एनआइएच रुड़की, बीबीएयू लखनऊ तथा जीआइजेड इंडिया का सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।
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