Electricity In UP: यूपी वालों को राहत! बिजली महंगी करने से अब पीछे हटी सरकार, ऊर्जा मंत्री ने बताई यह वजह
Electricity In UP महंगाई की मार से परेशान प्रदेशवासियों को फिलहाल महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने राज्य के 3.25 करोड़ उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली के दाम नहीं बढ़ाए जाने की घोषणा की है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के हित में सरकार बिजली के दाम नहीं बढ़ाने जा रही है। सरकार की उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालने की कोई मंशा नहीं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महंगाई की मार से परेशान प्रदेशवासियों को फिलहाल महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने राज्य के 3.25 करोड़ उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली के दाम नहीं बढ़ाए जाने की घोषणा की है। मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ाने की सरकार की कोई मंशा नहीं है।
दरअसल, पावर कॉरपोरेशन के बिजली महंगी करने के प्रस्ताव के बावजूद विद्युत नियामक आयोग ने लगातार चौथे वर्ष बिजली की दर नहीं बढ़ाए जाने का निर्णय पिछले दिनों सुनाया था। 18 से 23 प्रतिशत तक दर बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को आयोग की हरी झंडी न मिलने पर हाल ही में कॉरपोरेशन प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से फ्यूल सरचार्ज के मद में 61 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर अलग-अलग श्रेणीवार औसत बिलिंग दर के जरिए 28 पैसे से 1.09 रुपये प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया है।
56 पैसे प्रति यूनिट महंगी होती घरेलू बिजली
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर घरेलू बिजली ही 56 पैसे प्रति यूनिट तक और महंगी होती। इसी तरह दुकान (वाणिज्यिक) की बिजली 87 पैसे व उद्योगों की 74 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ती। फ्यूल सरचार्ज के जरिए कारपोरेशन प्रबंधन का 1437 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं से वसूलने का इरादा रहा है।
प्रदेशवासियों के हित को देखते हुए नहीं बढ़ेंगे बिजली दाम- उर्जा मंत्री
लखनऊ में विद्युत उपभोक्ता एवं जन-प्रतिनिधि संपर्क अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के हित में सरकार बिजली के दाम नहीं बढ़ाने जा रही है। सरकार की उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालने की कोई मंशा नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 24 घंटे बिजली देने के लिए शत-प्रतिशत विद्युत राजस्व हासिल करना जरूरी है। इसके लिए उपभोक्ता समय पर बिल जमा करें और बिजली चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगे। बुधवार को जिस तरह से ऊर्जा मंत्री ने यू-टर्न करते हुए बिजली दर न बढ़ाए जाने की बात कही है उससे माना जा रहा है कि जनता की नाराजगी से बचने के लिए अब लोकसभा चुनाव तक सरकार बिजली महंगी नहीं होने देगी।
चुनाव के चलते नहीं बढ़ रहे दाम?
लोकसभा के चुनाव अगले वर्ष अप्रैल-मई में हो सकते हैं, इसलिए माना जा रहा है कि अब बिजली की दरें लगभग एक वर्ष बाद जून-जुलाई में ही बढ़ सकती है। मंत्री इस घोषणा पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली तो सस्ती होनी चाहिए। उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर लगभग 33,122 करोड सरप्लस के एवज में मौजूदा बिजली दरों को कम किया जाए।