Chief Minister Yogi Adityanath को धमकी देने वाले की जमानत पर सुनवाई अब 15 को
कोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत पक्ष रखने का दिया आदेश। अभियुक्त की तरफ से पेश अधिवक्ता विवेक चंद्रा का कहना था कि अभियुक्त ने कुंठा में आकर उक्त मैसेज भेजा था।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी वाला मैसेज भेजने वाले अभियुक्त कामरान अमीन खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अपना विस्तृत पक्ष रखने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 जुलाई नियत की है।
यह आदेश जस्टिस आलोक माथुर की एकल पीठ ने कामरान अमीन खान की जमानत अर्जी पर पारित किया है।
अर्जी में खान ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि उसे फर्जी फंसाया गया है। अभियुक्त की तरफ से पेश अधिवक्ता विवेक चंद्रा का कहना था कि अभियुक्त ने कुंठा में आकर उक्त मैसेज भेजा था। साथ ही तर्क प्रस्तुत किया कि जिन धाराओं में उसे चालान किया गया है, उनमें से एक को छोड़ सभी जमानतीय हैैं। वहीं, उक्त एक अपराध जो कि आईपीसी की धारा 505 की उपधारा 1 (बी) के तहत दर्ज किया गया है वह अभियोजन की ओर से लगाए गए आरोपों पर नहीं बनता है, अंत: उसे जमानत दी जाए।
वहीं, राज्य सरकार की तरफ से पेश अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम राव नरेंद्र सिंह ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि जिस मोबाइल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। उसे आरोपित के पास से बरामद किया गया है, ऐसे में फर्जी फंसाने की बात पूरी तरह से निराधार है।
दरअसल 21 मई 2020 को 112 मुख्यालय के मोबाइल नंबर पर कामरान ने धमकी भरा एसएमएस भेजा था। जिस पर अगले दिन गोमतीनगर थाने के प्रभारी निरीक्षक धीरज कुमार ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी । बाद में विवेचना के दौरान एसटीएफ ने 26 मई 2020 को मुम्बई से आरोपित को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपित को आइपीसी की धारा 505 (1) बी, 505 (2), 506 एवं 507 व आइटी एक्ट की धारा 66 (एफ) के तहत चालान कर दिया था।