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एसएसपी गौतमबुद्धनगर प्रकरण : खाकी के घमासान ने खूब कराई किरकिरी...आम लोगों तक रही चर्चा

एसएसपी गौतमबुद्धनगर प्रकरण आइपीएस अधिकारी वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो से शुरू हुई कहानी ने नए साल में पुलिस महकमे की खूब किरकिरी कराई।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 10 Jan 2020 09:53 AM (IST)
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एसएसपी गौतमबुद्धनगर प्रकरण : खाकी के घमासान ने खूब कराई किरकिरी...आम लोगों तक रही चर्चा
लखनऊ, जेएनएन। आइपीएस अधिकारी वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो से शुरू हुई कहानी ने नए साल में पुलिस महकमे की खूब किरकिरी कराई। हर रोज बदले घटनाक्रम से एक सप्ताह से आइपीएस अधिकारियों के बीच जो खींचतान सामने आई, उसकी चर्चा सत्ता के गलियारों से लेकर आम लोगों के बीच खूब रही। खाकी के दामन पर उछले कींचड़ ने उसकी कार्यशैली पर सवाल तो उठाए ही, सरकार के लिए भी असहज स्थितियां पैदा कीं। 

गौतनबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण ने उनके वायरल वीडियो को फर्जी बताकर जिस तरह एफआइआर दर्ज कराई, उससे सवाल यह भी है कि पुलिस कानून को जिस तरह चाहे अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकती है। वायरल वीडियो के बाद गोपनीय पत्र लीक होने के बाद पूरे प्रकरण ने जो सुर्खियां बटोरीं, उसके बाद तीन जनवरी को डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि पूरे प्रकरण की जांच एडीजी मेरठ जोन कर रहे हैं। गोपनीय पत्र लीक करने के लिए वैभव कृष्ण से स्पष्टीकरण भी तलब किया गया। इस बीच पांच आइपीएस अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर हमले बोले। कई आइपीएस अधिकारी भी मुखर हुए।

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छह जनवरी को वैभव कृष्ण का स्पष्टीकरण शासन तक पहुंचा था। इसके बाद से ही पूरे प्रकरण में कठोर कार्रवाई के संकेत मिलना शुरू हो गए थे। एक दिन पूर्व ही निलंबित एडीजी जसवीर सिंह का आइपीएस अधिकारियों का वाट्सएप ग्रुप में किया गया संदेश भी वायरल हुआ। उन्होंने पूरे प्रकरण में आइपीएस एसोसिएशन की बैठक बुलाकर चर्चा किए जाने की मांग की थी। यह भी सामने आया कि वह प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं। इन सब घटनाक्रम के बीच गुरुवार को शासन ने वैभव कृष्ण को निलंबित करने के साथ आरोपित पांचों आइपीएस अधिकारियों को साइड लाइन करने का निर्णय लिया। अब एसआइटी की जांच में कई बड़े तथ्य सामने आएंगे। पुलिस अधिकारियों के बीच अब उन्हें लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

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झूठ सत्यनिष्ठा पर उठाता है सवाल

इस मामले पर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि वैभव कृष्ण के वायरल वीडियो सही हैं, यह बात तो उन्हें जरूर पता रही होगी। ऐसे में उन्हें फर्जी बताना और फिर एफआइआर दर्ज कराना उनकी सत्यनिष्ठा पर भी सवाल उठाता है। ऐसा लगता है कि वह अपने बचाव का रास्ता ढूंढ़ रहे थे। वरिष्ठ अधिकारियों के पर्यवेक्षण पर भी सवाल उठता है। पूरे प्रकरण से बेहद दुखी हूं।

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